Last Updated: Saturday, July 14, 2012, 20:14
कोलकात/नई दिल्ली : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भारतीय प्रेस परिषद् और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से शिकायत की है कि शांतिनिकेतन में स्कूल वार्डन द्वारा एक छात्रा को मूत्र पिलाने की घटना मामले में पीड़ित छात्रा की पहचान उजागर की गई।
एनसीपीसीआर ने बयान में आज कहा कि प्रिंट मीडिया नाम, चित्र, घर का पता, स्कूल का पता और अन्य पहचान उजागर कर किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन कर रहा है।
इसने कहा कि किशोर न्याय (देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम 2000 की धारा 21 के मुताबिक जो कोई भी ऐसे प्रावधानों का उल्लंघन करता है उस पर कार्रवाई की जा सकती है।
आयोग ने प्रेस परिषद् से कहा है कि वह सलाह जारी करे या पूरी प्रिंट मीडिया के लिए प्रोटोकॉल निर्धारित करे कि ऐसे बच्चों की पहचान उजागर नहीं की जाए।
बयान में कहा गया, उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की जाएगी। एनसीपीसीआर ने भारतीय प्रेस परिषद् और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को पत्र लिखकर मांग की है कि मीडिया पीड़ितों की पहचान उजागर नहीं करे साथ ही आयोग ने विश्व भारती विश्वविद्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति पर भी कड़ी आपत्ति जताई जिसमें बच्ची का ब्यौरा दिया गया था। (एजेंसी)
First Published: Saturday, July 14, 2012, 20:14