Last Updated: Friday, April 26, 2013, 20:51
कोलकाता : इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्यामल कुमार सेन की अध्यक्षता वाले पांच सदस्यीय आयोग ने शुक्रवार को शारदा ग्रुप चिटफंड घोटाले की जांच शुरू कर दी। आयोग अपनी रिपोर्ट छह महीने में सौंपेगा।
सेन ने कहा कि आयोग ने औपचारिक रूप से अपनी जांच शुरू कर दी है। आयोग में एक अर्थशास्त्री, एक पुलिस अधिकारी और एक प्रोफेसर समेत चार और सदस्य हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा गठित आयोग छह माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। कई करोड़ रुपये के चिटफंड घोटाले में कथित रूप से राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के कई नेता शामिल बताए जा रहे हैं।
शारदा ग्रुप के प्रमुख सुदीप्त सेन धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार हो चुके हैं। इस बीच न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) सेन ने उन आरोपों को खारिज किया जिसमें कहा गया है कि वे भी ग्रुप की एक कंपनी से जुड़े रहे हैं। उन्होंने सफाई दी कि मैं कंपनी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में आग्रह किए जाने पर शामिल हुआ था, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैं कंपनी से जुड़ा रहा हूं। बनर्जी द्वारा सेन को आयोग के अध्यक्ष के रूप में नामित किए जाने की घोषणा के बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता गौतम देब ने मुख्यमंत्री को चिटफंड कंपनी से जुड़े रहे किसी भी व्यक्ति को नियुक्त किए जाने पर चेतावनी दी थी। (एजेंसी)
First Published: Friday, April 26, 2013, 20:51