शाह आयोग की अंतरिम रिपोर्ट में मोदी को क्लीन चिट

शाह आयोग की अंतरिम रिपोर्ट में मोदी को क्लीन चिट

शाह आयोग की अंतरिम रिपोर्ट में मोदी को क्लीन चिटज़ी न्यूज़ ब्यूरो
अहमदाबाद : जमीन आवंटन से जुड़े नौ मामलों में शाह आयोग की अंतरिम रिपोर्ट में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी गई है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता जयनारायण व्यास ने बताया कि न्यायमूर्ति एम बी शाह के एकल आयोग ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी है जिसमें जमीन आवंटनों को अवैध नहीं पाया गया। उन्होंने दावा किया कि जांच आयोग को भ्रष्टाचार के 15 आरोपों की जांच के लिए कहा गया था और जमीन से जुड़े नौ मामलों में मोदी सरकार को ‘क्लिन चिट’ दे दी गई है। मोदी सरकार के लिए यह बड़ी राहत की खबर है क्योंकि गुजरात में दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं।

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ पिछले साल उद्योगपतियों को कौड़ियों के भाव 44 करोड़ वर्ग मीटर जमीन देने के मामले में करीब एक लाख करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगा था। नरेंद्र मोदी ने खुद पर लगे भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए 16 अगस्त 2011 को न्यायाधीश एमबी शाह की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन कर दिया। तब कांग्रेस सांसदों का कहना था कि सरकार की ओर से ही गठित आयोग कैसे मुख्यमंत्री के खिलाफ निष्पक्ष जांच कर सकता है। मोदी के खिलाफ पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज ने भी मांग की थी कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न औद्योगिक घरानों को आवंटित भूमि पर सरकार को विस्तार से बताना चाहिए कि क्या भूमि आवंटन में नियमों का पालन किया गया अथवा नहीं।

बाद में गुजरात से कांग्रेस सांसद कुंवरजी भाई बावलिया तथा मुकेश गढ़वी ने गत वर्ष पीएमओ को गुजरात में उद्योगपतियों को सरकारी व किसानों की जमीनें आवंटित करने के 17 मामलों में एक लाख करोड़ से अधिक के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इनकी जांच की मांग की थी। पीएमओ ने यह शिकायत भारत के मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) को भेजी थी। इसके फौरी आंकलन के बाद सीवीसी कार्यालय की ओर से जांच के लिए इस मामले को गुजरात सतर्कता आयुक्त डॉ. मंजुला सुब्रमण्यम को भेजा गया।

First Published: Wednesday, October 3, 2012, 20:03

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