Last Updated: Sunday, May 27, 2012, 15:17

नई दिल्ली : अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित सोमवार को सालाना बजट पेश करते समय सामाजिक क्षेत्रों तथा विकास पर विशेष ध्यान दे सकती हैं। यह लगातार दूसरा साल है जब मुख्यमंत्री बजट पेश करेंगी।
ऐसी संभावना है कि सोमवार को पेश किये जाने वाला बजट लोकलुभावन हो और इसके जरिए विधानसभा चुनावों के लिये कांग्रेस के समर्थन आधार तैयार करने की कोशिश की जा सकती है। दिल्ली नगर निगम चुनावों में हार के बाद पार्टी अपना खोया समर्थन फिर से हासिल करने को बेताब है।
सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘बजट का फोकस सामाजिक क्षेत्रों के विकास पर हो सकता है।’ बजट सत्र के पहले दिन पेश किये जाने वाले बजट में शीला दीक्षित पेट्रोल की कीमत में की गयी भारी वृद्धि से लोगों को राहत दिलाने के लिये ईंधन पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में कटौती की घोषणा कर सकती हैं।
सरकार 1,600 अनधिकृत कालोनियों में बुनियादी ढांचा के विकास के लिये बड़ी राशि का प्रावधान कर सकती है। कांग्रेस ने पाया है कि इन कालोनियों में रहने वाले लोगों के बीच उसका समर्थन कम हुआ है और इसी कारण उसे स्थानीय निकाय चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ा।
दिल्ली सरकार ने 2008 में विधानसभा चुनावों से पहले 1200 से अधिक अनधिकृत कालोनियों के लिए अस्थायी नियमितीकरण प्रमाणपत्र (पीआरसी) जारी किया गया था। उस समय प्रमाणपत्र वितरित करते हुए शीला सरकार ने वादा किया था कि अगर कांग्रेस तीसरी बार सत्ता में आयी तो इन कालोनियों को नियमित कर दिया जाएगा। लेकिन अबतक किसी भी कालोनी को नियमित नहीं किया गया है।
दिल्ली सरकार के एक मंत्री ने कहा, ‘अनधिकृत कालोनियों में विकास कार्य सरकार का बड़ी प्राथमिकता होगी।’ इसके अलावा सरकार दो बड़ी सड़क परियोजनाओं वजीराबाद तथा विकासपुरी के बीच सिग्नल मुक्त 20 किलोमीटर लंबे आउटर रिंग रोड तथा बारापूला एलिवेटेड रोड को आईएनए मार्केट तक विस्तार के लिए कोष अलग कर सकती है।
पिछले साल सरकार ने 27,067 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था जिसमें परिवहन क्षेत्र के लिए सर्वाधिक 3,348 करोड़ रुपए का प्रावधान था। उसके बाद क्रमश: स्वास्थ्य तथा शिक्षा क्षेत्र का स्थान था। (एजेंसी)
First Published: Sunday, May 27, 2012, 15:17