Last Updated: Friday, July 13, 2012, 12:51
श्रीनगर : जम्मू एवं कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में शुक्रवार को शहीद दिवस पर प्रस्तावित रैलियों के मद्देनजर अलगाववादी नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है और शहर के पुराने इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारुख, शब्बीर अहमद शाह व मुहम्मद नईम खान को प्रस्तावित रैलियों में शामिल होने से रोकने के लिए उन्हें नजरबंद कर दिया गया है। अलगाववादी नेताओं ने लोगों से शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए शहीद कब्रगाह पहुंचने का आह्वान किया है।
ज्ञात हो कि शहर के केंद्रीय कारागार में 13 जुलाई, 1931 को हुई गोलीबारी में 22 लोगों की मौत हो गई थी। ये लोग जेल में बंद अब्दुल कदीर की रिहाई की मांग कर रहे थे। बाद में इन लोगों को पुराने शहर के जिस कब्रिस्तान में दफनाया गया, उसे अब शहीदों का कब्रिस्तान कहते हैं।
राज्य के पुलिस महानिदेशक के. राजेंद्र कुमार ने कहा कि किसी को भी शहर की शांति में खलल डालने की इजाजत नहीं दी जाएगी। जिला प्रशासन ने लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए कुछ इलाकों में निषेधाज्ञा लागू की है।
कुमार ने कहा कि हमें सूचना मिली है कि कुछ उपद्रवियों ने शांति-व्यवस्था में गड़बड़ी फैलाने की योजना बनाई है। शहर में कहीं भी कर्फ्यू नहीं लगाया गया है। पुराने शहर और ऊपरी शहर के संवेदनशील इलाकों में किसी भी सम्भावित गड़बड़ी को रोकने के लिए पुलिस व अर्धसैनिक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की टुकड़ियां तैनात की गई हैं। वैसे शुक्रवार को सरकारी छुट्टी होने की वजह से शैक्षणिक संस्थान व सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे।
राज्यपाल एन.एन. वोहरा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता मुफ्ती मुहम्मद सईद शुक्रवार को शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 13, 2012, 12:51