Last Updated: Sunday, March 3, 2013, 19:39
चेन्नई : केंद्र सरकार पर दबाव बरकरार रखते हुए संप्रग के प्रमुख सहयोगी दल द्रमुक ने आज कहा कि भारत को कथित युद्ध अपराधों के लिए श्रीलंका के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका समर्थित प्रस्ताव का समर्थन करना चाहिए तथा तमिलनाडु की जनता और पार्टी सरकार के निर्णय का चिंता के साथ बेसब्री से इंतजार कर रही है।
द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘भारत को अमेरिका द्वारा प्रस्तावित प्रस्ताव का समर्थन करना चाहिए.तमिलनाडु की जनता चिंता के साथ इंतजार कर रही है कि प्रस्ताव पर भारत का क्या निर्णय होगा। हम भी (देख रहे हैं)।’’ 89 वर्षीय द्रमुक नेता ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि पार्टी ने पहले ही कहा है कि भारत को जिनिवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में प्रस्ताव का प्रस्तावक बनना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि भारत प्रस्ताव का प्रस्तावक बनता है तो इससे देश का कर्तव्य और विश्वभर में तमिलों की भावनाएं प्रतिबिंबित होंगी।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे को स्वीकार नहीं कर रहा है, उन्होंने कहा, ‘‘हमने लगातार उस पर जोर दिया है। हम जोर देना जारी रखेंगे। हम आशा करते हैं कि वे हमारी भावनाएं समझेंगे और कार्रवाई करेंगे। ना केवल हम पूरे विश्व के तमिल भारत के निर्णय का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।’’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 3, 2013, 19:39