Last Updated: Friday, May 10, 2013, 09:03

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट सिने अभिनेता संजय दत्त की पुनर्विचार याचिका पर शुक्रवार को विचार करेगा। संजय दत्त को 1993 में मुंबई में हुए बम विस्फोटों की घटना के सिलसिले में शस्त्र कानून के तहत पांच साल की कैद की सजा सुनाने के शीर्ष अदालत के 21 मार्च के निर्णय पर पुनिर्विचार के लिये यह याचिका दायर की गई है।
न्यायमूर्ति पी. सदाशिवम और न्यायमूर्ति डा. बलबीर सिंह चौहान की खंडपीठ अपने कक्ष में इस याचिका पर विचार करेगी। ये न्यायाधीश इस मामले में ही छह अन्य मुजरिमों की पुनर्विचार याचिका पर भी गौर करेंगे। इसी खंडपीठ ने 21 मार्च को मुंबई के 1993 के बम विस्फोटों की घटनाओं के मामले में अपना फैसला सुनाया था।
शीर्ष अदालत के निर्णय पर पुनर्विचार के लिए यूसुफ मोहसिन नलवाला, खलील अहमद सैयद अली नाजिर, मोहम्मद दाउद यूसुफ खान, शेख आसिफ यूसुफ, मुजम्मिल उमर कादरी और मोहम्मद अहमद शेख ने भी याचिका दायर कर रखी है। न्यायालय ने संजय दत्त को चार सप्ताह के भीतर समर्पण करने का निदेश दिया था। लेकिन यह अवधि पूरी होने से एक दिन पहले ही 17 अप्रैल को न्यायालय ने संजय दत्त को समर्पण करने के लिए चार सप्ताह का और वक्त दे दिया था। संजय दत्त को पांच साल की सजा में से अभी 42 महीने और जेल में गुजारने हैं।
संजय दत्त को मुंबई की टाडा अदालत ने छह साल की सजा सुनाई थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने इसे घटाकर पांच साल कर दिया था। साथ ही न्यायालय ने उनके अपराध की गंभीरता को देखते हुए उन्हें परिवीक्षा पर रिहा करने से भी इनकार कर दिया था। संजय दत्त को गैरकानूनी तरीके से नौ एमएम की पिस्तौल और एके 56 राइफल रखने के जुर्म में टाडा अदालत ने दोषी ठहराया था। ये हथियार उन्हीं विस्फोटक सामग्री और हथियारों की खेप का हिस्सा थे जिनका इस्तेमाल मुंबई बम विस्फोटों में किया गया था। इन विस्फोटों में 257 व्यक्ति मारे गये थे और सात सौ से अधिक जख्मी हो गए थे। (एजेंसी)
First Published: Friday, May 10, 2013, 09:03