‘सख्त निगरानी, कठोर कानूनों से हमलों पर लगेगी रोक’

‘सख्त निगरानी, कठोर कानूनों से हमलों पर लगेगी रोक’

‘सख्त निगरानी, कठोर कानूनों से हमलों पर लगेगी रोक’हैदराबाद : विशेषज्ञों ने कहा है कि देश में आतंकवादी हमलों पर काबू पाने और उन्हें समय रहते रोकने के लिए जमीनी स्तर पर पुलिस की निगरानी बढ़ानी होगी तथा कठोर कानून लागू करने होंगे।

पूर्व सीबीआई निदेशक के. विजयराम राव ने यहां पिछले हफ्ते दिलसुखनगर में हुए दोहरे विस्फोटों को एक छद्म युद्ध करार देते हुए इस तरह के हमलों से बचने के लिए स्थानीय पुलिस और खुफिया तंत्र को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमले अक्सर कुछ स्थानीय तत्वों की मदद से अंजाम दिये जाते हैं।

राव ने कहा कि सिर्फ देश के कुछ खास शहरों को निशाने के रूप में चुना जाता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के हमलों को रोकने के लिए कोशिशें की जानी चाहिए। त्वरित जांच और मुकदमे की शीघ्र सुनवाई इस तरह की घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ प्रतिरोधक की तरह काम करेगी। यदि दोषियों को बगैर देर किये न्याय के दायरे में लाया जाता है तो तंत्र में लोगों का भरोसा भी बढ़ेगा। राव ने आतंकवादी मामलों से निपटने के लिए एक सख्त कानून की जरूरत भी बताई।

पूर्व केंद्रीय गृह सचिव के पद्मनाभैया ने आतंकवाद पर नियंत्रण पाने के लिए एहतियात बरते जाने को सर्वाधिक अहम चीज बताते हुए कहा कि सीमाओं को फूलप्रूफ बनाया जाना चाहिए। उन्होंने टाडा जैसे आतंकवाद रोधी सख्त कानून की हिमायत करते हुए कहा कि मुंबई में सख्त कानून के चलते ही मादक द्रव्यों की तस्करी में भारी कमी आई है।

आंध्र प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक एके मोहंती ने आतंकवाद को सबसे बड़ी चुनौती करार देते हुए कहा कि चुनौतियों पर खरा उतरने के लिए पुलिस के कार्य निष्पादन की प्रक्रिया को चुस्त बनाया जाना चाहिए और पुलिसकर्मियों को अधिक पेशेवर रूख अपनाने के लिए उत्साहित किया जाना चाहिए। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, February 27, 2013, 12:02

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