सपा कार्यकारिणी में छाए रहे आजम और हिंसा के मुद्दे

सपा कार्यकारिणी में छाए रहे आजम और हिंसा के मुद्दे

लखनऊ/आगरा : ताजनगरी आगरा में दो दिनों से चल रही समाजवादी पार्टी (सपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का गुरुवार को समापन हो गया। बैठक में नाराज कैबिनेट मंत्री आजम खां की गैरमौजूदगी और मुजफ्फरनगर हिंसा जैसे मुद्दे छाए रहे और कांग्रेस-नीत केंद्र सरकार पर जमकर प्रहार किए गए। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए उन्हें लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए संगठित होकर जी-जान से जुटने को कहा। यह बैठक चुनावी संग्राम के लिए तय रणनीति पर मंथन के लिए बुलाई गई थी।

मुलायम ने बैठक के पहले दिन अपने संबोधन में कहा कि देश इस समय कठिन दौर से गुजर रहा है और इसे बचाने तथा मजबूत राजनीतिक विकल्प देने का काम वोटों की राजनीति करने वाले बड़े राजनीतिक दलों से संभव नहीं है। अब क्षेत्रीय दलों को ही यह चुनौती स्वीकार करनी होगी।

केंद्र की संप्रग सरकार को बाहर से समर्थन दे रही पार्टी के प्रमुख ने कहा, `कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली सरकारें देश के गरीबों, किसानों, नौजवानों, बेरोजगारों व महिलाओं को सुरक्षा और रोजगार देने में पूरी तरह विफल हो चुकी हैं। अगले साल मई में देश में एक नई सरकार होगी और इस सरकार के गठन, समर्थन और मजबूती की बड़ी जिम्मेदारी समाजवादी पार्टी की है और इस चुनौती पर हमें खरा उतरना है।`

मुलायम की अध्यक्षता में हुई सपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में 20 राज्यों के करीब 100 पदाधिकारियों ने की शिरकत। बैठक में राजनीतिक और आर्थिक प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर तीखे प्रहार किए गए। बैठक के समापन भाषण में मुलायम ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता एकजुट होकर मिशन दिल्ली की तैयारी में जुट जाएं, ताकि सपा ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर आगामी सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने करने में सक्षम हो सके।

उन्होंने कहा, `इस बार के लोकसभा चुनाव में केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस की सरकार नहीं बनने वाली है। देश की जनता सपा की तरफ बहुत उम्मीदों से देख रही है। हमारे ऊपर एक मजबूत विकल्प देने की चुनौती है।` यादव ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता अनुशासन के साथ जनता की समस्याओं से जुड़ें। अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी की नीतियों और अखिलेश सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करें।

मुजफ्फरनगर हिंसा का हवाला देते हुए उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को सतर्क करते हुए कहा कि विपक्षी दल आने वाले समय में इस तरह की और साजिशें कर सकते हैं। आप लोगों को उनका जवाब देने के लिए सतर्क रहना होगा। यादव ने कहा कि सपा ने अपनी स्थापना से लेकर आज तक धर्मनिरपेक्षता के मुद्दे पर न कभी समझौता किया है और न ही भविष्य में कभी करेगी। बैठक के समापन के बाद तीसरे मोर्चे के बारे में पूछे जाने पर मुलायम ने कहा कि तीसरा मोर्चा का गठन और स्वरूप लोकसभा चुनाव के बाद तय होगा।

बैठक में सपा महासचिव आजम खां नहीं पहुंचे। उनकी गैरमौजूदगी पर पहले तो सपा अपना बचाव करती रही लेकिन गुरुवार को सपा नेताओं ने सख्त रुख अपनाकर बयानों की बौछार कर दी। मुलायम के भाई एवं सपा महासचिव राम गोपाल यादव ने कहा कि कार्यकर्ता उम्मीद करते हैं कि पदाधिकारी इस तरह की बैठकों में आएं। अगर पदाधिकारी अपने पद की जिम्मेदारी नहीं संभाल सकते तो वह इस्तीफा दे दें या अपनी जिम्मेदारी निभाएं और बैठक में आएं।

पार्टी नेता नरेश अग्रवाल और अबु आजमी ने भी आजम पर निशाना साधते हुए कहा कि कोई नेता पार्टी से बड़ा नहीं होता। लेकिन बाद में सपा मुखिया मुलायम ने बचाव करते हुए कहा कि आजम कभी उनसे नाराज नहीं हो सकते। सपा प्रमुख ने कहा, `आजम को कहीं जाना था। इसलिए कार्यकारिणी की बैठक में नहीं आए।` कैबिनेट की बैठकों में भी आजम के कई बार शामिल नहीं होने के सवाल को टालते हुए मुलायम ने कहा, `ये सवाल आप लोग अखिलेश से करिए।` मुलायम के इस नरम रुख को नाराज आजम को मनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। (एजेंसी)

First Published: Friday, September 13, 2013, 00:00

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