Last Updated: Saturday, March 16, 2013, 20:03

लखनऊ: दिल्ली के जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी ने समाजवादी पार्टी से अपने रिश्ते नातों को तोड़ते हुए अपने दामाद विधानपरिषद सदस्य उमर अली खां और नागरिक सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष वसीम अहमद खां के इस्तीफों को सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को शनिवार को भेज दिया।
मौलाना बुखारी ने बातचीत में समाजवादी पार्टी के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा सरकार का एक साल पूरा हो चुका है और मुसलमानों के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया गया है।
मौलाना ने कहा कि विधानसभा चुनावों से पहले सपा मुखिया ने उनका समर्थन मांगा था और तब उन्होंने मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के साथ साथ कई मांगें रखी थी जिसको पूरा करने का वादा भी मुलायम सिंह यादव ने किया था लेकिन इनमें से कुछ नहीं किया गया और सरकार मुसलमानों के हकों की भी रक्षा नहीं कर पायी।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में एक साल के सपा शासनकाल में 113 साम्प्रदायिक घटनाएं हो चुकी है इनमे 13 जगह कर्फ्यू लगा और सबसे ज्यादा नुकसान भी मुसलमानों का हुआ तथा प्रशासनिक पदों पर भी मुसलमानेा को वाजिब हिस्सेदारी नहीं दी गयी।
बुखारी ने कहा कि कल सपा सरकार एक वर्ष पूरे होने पर नाकामियों का जश्न मना रही थी जो बेहद शर्मनाक है।
यह पूछे जाने पर कि अब आगे की रणनीति क्या होगी, उन्होंने कहा, ‘आगे आगे देखिए होता है क्या, साथ ही साथ यह भी जोडा कि समाजवादी पार्टी केन्द्र का ख्वाब न दिखे क्योकि जब तक उत्तर प्रदेश का मुसलमान साथ नहीं देगा तब तक यह संभव नहीं है।’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, March 16, 2013, 16:26