Last Updated: Monday, June 24, 2013, 18:59

नई दिल्ली : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा है कि बद्रीनाथ और हरसिल में अब सभी लोग सुरक्षित हैं और दो तीन दिन में राहत कार्य पूरा होने के बाद पीड़ितों को मुआवजा देना शुरू किया जाएगा।
बहुगुणा ने कहा कि बुरा समय बीत चुका है। अब सभी लोग सुरक्षित हैं। सेना और एनडीआरएफ के लोग बद्रीनाथ और हरसिल में लोगों के साथ मौजूद हैं। केदार घाटी से लगभग सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया है। मृतकों की संख्या के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि अभी पूरी संख्या मिलना संभव नहीं है क्योंकि बड़ी संख्या में शव मलबे में दबे हैं लेकिन यह आंकड़ा 1000 से ऊपर है।
कल बारिश की संभावना के मद्देनजर किए गए एहितयाती प्रयासों के बारे में उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ, गंगोत्री और हरसिल में जो लोग हैं, उनका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। मौसम जैसे ही ठीक होगा, उन्हें वहां से निकाल लिया जाएगा। लोगों के खाने पीने का पूरा इंतजाम कर दिया गया है। सेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ के जवान वहां मौजूद हैं। दूसरे राज्यों से सहायता की पेशकश के बारे में पूछने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हेलिकाप्टरों की अब कोई जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने हेलिकाप्टर देने की पेशकश की थी लेकिन हमारे पास पर्याप्त हेलिकाप्टर हैं और अधिक की जरूरत नहीं है। कई राज्यों ने मुख्यमंत्री राहत कोष में चेक दिये हैं जिन्हें हम धन्यवाद देते हैं। बहुगुणा ने कहा कि एक हफ्ते के भीतर हम बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री और मुआवजा देना शुरू कर देंगे। सभी राज्यों और प्रधानमंत्री के सहयोग से हम जल्दी ही इस आपदा से बाहर निकल आएंगे। उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया कि राज्य प्रशासन का पूरा ध्यान तीर्थयात्रियों पर है और स्थानीय लोग उपेक्षित हैं।
बहुगुणा ने कहा कि जितने भी लोग फंसे हैं, सभी को निकाला जा रहा है। फिर चाहे वह तीर्थयात्री हों या स्थानीय लोग। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि वीआईपी दौरों से राहत कार्य में बाधा आ रही है। उन्होंने कहा कि वीआईपी उन इलाकों तक नहीं जा रहे हैं, जहां लोग फंसे हैं। वे हवाई दौरा करके लौट रहे हैं जिससे राहत कार्य प्रभावित नहीं हुआ है। राहत के बाद पुनर्वास और बुनियादी ढांचा बहाल करने को प्रमुख चुनौती बताते हुए उन्होंने कहा कि इस आपदा ने राज्य को विकास की दृष्टि से तीन साल पीछे धकेल दिया है। उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर टिकी है और बाढ़ ने पर्यटन उद्योग को तहस नहस कर दिया है। बिजली के खंभे, सड़कें सब टूट गए हैं और अब अगले तीन साल में इन्हें बहाल करके राज्य को पहले सी स्थिति में लाना होगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, June 24, 2013, 18:59