समाजवादी नेता मृणाल गोरे का निधन

समाजवादी नेता मृणाल गोरे का निधन

मुंबई : जानीमानी समाजवादी नेता मृणाल गोरे का मंगलवार को निधन हो गया। वह 84 वर्ष की थीं। उन्हें `पानीवाली बाई` के नाम से जाना जाता था। वृद्धावस्था की समस्याओं से पीड़ित मृणाल को महाराष्ट्र के ठाणे स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।

महाराष्ट्र में समाजवादी आंदोलन की आखिरी स्तंभ मानी जाने वाली मृणाल ने स्थानीय प्रशासन के साथ लड़ाई लड़कर झुग्गी बस्तियों को पानी का कनेक्शन दिलवाया था। इसके बाद से लोग उन्हें `पानीवाली बाई` के नाम से पुकारने लगे।

वर्ष 1961 में उन्होंने पहली बार स्थानीय निकाय चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। वर्ष 1964 में पानी के लिए हुए संघर्ष में 11 लोगों की मौत होने के बाद उन्होंने झुग्गी बस्तियों में पानी की आपूर्ति के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था।

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश में लागू आपातकाल की समाप्ति के बाद वर्ष 1977 में हुए आम चुनाव में मृणाल ने जनता पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था और भारी मतों से निर्वाचित हुई थीं। इस चुनाव में इंदिरा गांधी राज नारायण से पराजित हो गई थीं। उन दिनों महाराष्ट्र में एक नारा प्रचलित हुआ था-पानीवाली बाई दिल्ली में, दिल्लीवाली बाई पानी में।

मृणाल ने विधायक और विधान पार्षद के रूप में वर्षो अपने राज्य की सेवा की थी। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ मुम्बई में बुधवार को होगा।

राज्यपाल के. शंकरनारायणन ने भी मृणाल गोरे के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया। उन्होंने कहा, मृणाल महान महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं में से एक थीं और जीवन र्पयत गरीबों और समाज के वंचित वर्ग के अधिकारों के लिए संघर्ष करती रहीं। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, July 17, 2012, 22:37

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