Last Updated: Saturday, January 21, 2012, 12:42
मुम्बई : बम्बई हाईकोर्ट ने एक फैसले में व्यवस्था दी है कि ऐसे दंपती जिन्होंने कोई बच्चा गोद ले रखा है, समान लिंग का दूसरा बच्चा भी गोद ले सकते हैं तथा कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो इस पर रोक लगाता हो।
न्यायमूर्ति डीजी कार्णिक ने अमेरिका में रहने वाले एक भारतीय दंपती (भारतीय मूल के क्रिस्टोफर ड्रूरी और उनकी पत्नी भारत की विदेश में रहने वाली नागरिक शहनाज) की याचिका पर सुनवाई करते हुए व्यवस्था दी, ‘माता-पिता इस तथ्य के बावजूद बच्चा गोद लेने के हकदार हैं कि उनके पास पहले से ही समान लिंग का गोद लिया हुआ बच्चा है।’ इस दंपती ने 2008 में एक लड़की गोद ली थी और अब दूसरी लड़की गोद लेना चाहते हैं।
दंपती ने केंद्रीय दत्तकग्रहण एवं संसाधन प्राधिकरण एजेंसी से मान्यता प्राप्त ‘इंडियन एसोसिएशन फॉर प्रमोशन ऑफ एडोप्शन एंड चाइल्ड वेल्फेयर’ के जरिए अदालत से संपर्क किया था।
न्यायाधीश ने उल्लेख किया कि बाल न्याय (बच्चों की देखभाल एवं रक्षा) अधिनियम 2000 के प्रावधान पहले से ही गोद लिया हुआ बच्चा रखने वाले दंपती पर समान लिंग का दूसरा बच्चा गोद लेने पर प्रतिबंध नहीं लगाते। बाल न्याय अधिनियम किसी जैविक बच्चे के माता-पिता को समान लिंग का दूसरा बच्चा गोद लेने की अनुमति देता है लेकिन इसमें समान लिंग के दूसरे दत्तकग्रहण के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। इसलिए याचिका में कानूनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की गई।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, January 21, 2012, 21:19