Last Updated: Wednesday, September 12, 2012, 11:20

हरदा: खंडवा के जल सत्याग्रहियों की मांग मानने वाली मध्य प्रदेश सरकार ने हरदा के जल सत्याग्रहियों के खिलाफ कड़ा रूख अपना लिया है। प्रशासन ने हरदा के खरदना गांव में जल सत्याग्रह कर रहे लोगों की मांग को मानने से साफ इनकार कर दिया है।
पुलिस ने जबरन 80 लोगों को पानी से निकाल दिया है। पानी के पास बैठे 100 के करीब ग्रामीणों को भी वहां से हटा दिया। सभी को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। गिरफ्तारी को लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है।
गौरतलब है कि सख्त रूख अख्तियार करते हुए प्रशासन ने गांव में धारा 144 लागू कर दी थी। 500 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती के बाद देखते ही देखते पूरा खरदना गांव छावनी में तब्दील हो गया। पिछले 14 दिन से 50 ग्रामीण सत्याग्रह कर रहे थे।
इससे पहले, हरदा रेस्ट हाउस में कमिश्नर अरूण तिवारी, आईजी अजय शर्मा, डीआईजी जेएस संसवाल, जिलाधिकारी डॉ.सुदाम खाडे ने बैठक की। बैठक के बाद आईजी शर्मा ने नर्मदा बचाओ आंदोलन की कार्यकर्ता चितरूपा पालित को गिरफ्तार करने का आदेश दिया और जलसत्याग्राहियों को पानी से बाहर निकालकर गिरफ्तार करने को कहा। मध्य प्रदेश सरकार ने जल सत्याग्रहियों की 16 में से 14 मांगे मान ली थी। प्रदेश सरकार ने इंदिरा सागर की बांध की ऊंचाई कम करने और जमीन के बदले जमीन देने की मांग खारिज कर दी थी।
First Published: Wednesday, September 12, 2012, 11:20