सरकार को जमीन खोने का डर : अन्ना - Zee News हिंदी

सरकार को जमीन खोने का डर : अन्ना

ज़ी न्यूज ब्यूरो
रालेगण सिद्धी/भोपाल : सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि केंद्र सरकार भ्रष्टाचार से निपटने में पूरी तरह विफल रही है और वर्तमान लोकतांत्रिक ढांचे में इस सरकार को अब अपनी जमीन खोने का डर सता रहा है।

 

पत्रकारों से बातचीत में अन्ना ने कहा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले एक मजबूत जन लोकपाल बिल के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'मैं पूरे देश में घूम-घूम कर युवाओं को आंदोलित करूंगा और फिर खुद भी भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के तहत दिल्ली के रामलीला मैदान में बैठूंगा।'

 

दूसरी तरफ भोपाल में एक कार्यक्रम में टीम अन्ना की अहम सहयोगी और पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा, 'सेवा भाव के लिए मैंने पुलिस की नौकरी को चुना और यहां रहते हुए ही यह जाना कि पुलिस में सुधार क्यों नहीं हो रहा? कौन यह सुधार होने नहीं दे रहा? अगर सब कुछ जानते हुए भी मैं चुप रहती तो इसका मतलब है मैं इस ओहदे की गुलाम हूं। मैं इस व्यवस्था की गुलाम हूं। मैंने अपनी चुप्पी को तोड़ना पसंद किया और बाहर आ गई। अब लगा देश में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ कुछ किया जाए तो अन्ना जी के साथ मुहिम में शामिल हो गई।

 

आम आदमी के सामने चुनौती है यह बिलकुल सच है, वह सुधार किससे मांगे और कैसे मांगे? आज हमारे राज्यों में अन्तराष्ट्रीय मानकों के अनुसार, पुलिस बहुत कम हैं लेकिन कितने लोगों में यह जागरूकता है? हममें से कितने लोग जानते हैं कि थाने की पुलिस का बजट राज्य से तय होता है? थाने के कर्मचारियों की विवशता से कितना परिचय है हमारा? हमारे थाने के जवान कभी भी, कहीं भी, किसी भी जगह तैनात कर दिए जाते हैं, उनकी असली जिम्मेदारियां क्या हैं, क्या आम जनता को पता है?

 

किरण बेदी ने कहा कि हम सब मतदाताओं को यह संकल्प लेना होगा कि अपराधी और भ्रष्ट लोग जनप्रतिनिधि नहीं चुने जाएं। प्रदेश के विकास के लिए ईमानदारी और देशभक्ति जरूरी है। तभी देश खुशहाल होगा। अगले चुनाव के पहले ‘राइट टू रिजेक्ट’ का अन्ना हजारे का फार्मूला सबके सामने होगा। हम अक्सर ऐसा नेता चुन लेते हैं जिसे जेल में होना चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए।

First Published: Saturday, April 7, 2012, 00:25

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