Last Updated: Sunday, May 27, 2012, 12:32
सागर (मप्र) : भारत में विधि विज्ञान जांच सुविधाओं के नक्शे पर आवाज परीक्षण की तकनीक की उपलब्धता के लिहाज से जल्द ही मध्यप्रदेश का नाम भी जगमगाने वाला है। राज्य सरकार प्रदेश की पहली वाइस डिटेक्शन प्रयोगशाला (वीडीएल) सागर जिले में स्थापित करने जा रही है।
मध्यप्रदेश की एकमात्र राज्य न्यायालिक प्रयोगशाला के निदेशक डॉ. एम.के.वर्मा ने बताया कि राज्य योजना आयोग ने सागर में प्रदेश की पहली ‘आवाज पहचान करने वाली प्रयोगशाला’ स्थापित करने को मंजूरी दे दी है। लगभग 100 करोड़ रूपये की लागत से स्थापित होने वाली इस प्रयोगशाला का निर्माण वर्ष 2012 में शुरू करके 2015 तक तीन चरणों में पूरा किया जाना है। पहले चरण में बुनियादी ढांचा स्थापित किया जा रहा है।
वर्मा ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में अपराधों के सिलसिले में आवाज संबंधी साक्ष्यों को परीक्षण हेतु चंडीगढ़ स्थित केन्द्रीय फॉरेन्सिक विज्ञान प्रयोगशाला में भेजा जाता है, लेकिन वर्ष 2015 तक सागर में आवाज परीक्षण प्रयोगशाला के तैयार हो जाने पर प्रदेश इस मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा। इतना ही नहीं, राज्य न्यायालिक प्रयोगशाला के एक वैज्ञानिक डॉ. विनय मिश्रा आवाज पहचानने की तकनीक के बारे में शुरुआती प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, May 27, 2012, 12:32