Last Updated: Tuesday, July 23, 2013, 12:00

लखनऊ/वाराणसी : सावन के महीने की शुरुआत मंगलवार से हो गई और इसके साथ ही शिवभक्तों का रेला शिवालयों की ओर उमड़ना शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में सुबह से भक्तों का रेला लगा हुआ है। वहीं, झारखंड के देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ मंदिर में भी शिवभक्त उमड़ पड़े और पावन ज्योर्तिलिंग पर जलाभिषेक किया।
वाराणसी के अलावा इलाहाबाद, कानपुर, राजधानी लखनऊ सहित सूबे के सभी प्रमुख शहरों के शिवमंदिरों में भक्तों की भीड़ देखी जा रही है। सावन का महीना शुरू होते ही वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर रंग बिरंगी रौशनी से जगमगा उठा है। भक्तों की भीड़ हर-हर महादेव के जयकारे के साथ मंदिर में पूजा अर्चना करने पहुंच रही है। गोदौलिया स्थित काशी विश्वनाथ के पुराने मंदिर के अलावा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर में स्थित नए विश्वनाथ मंदिर में भी सुबह से ही विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं की भीड़ बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए उमड़ी हुई है।
काशी को भोले बाबा की नगरी भी कहा जाता है इसलिए यहां पर सावन के महीने में अलग-अलग राज्यों से लाखों की संख्या में भक्त दर्शन पूजन के लिए पहुंचते हैं।
वाराणसी के अलावा इलाहाबाद, कानपुर, लखनऊ, मेरठ और आगरा के कई शिवालयों में भक्तों का हुजूम देखा जा रहा है। इस बार सावन की शुरुआत हालांकि सोमवार से नहीं हो रही है। इलाहाबाद के मनकामेश्वर मंदिर में भी सुबह से ही भक्त लंबी कतारों में खड़े दर्शन पूजन के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
राजधानी लखनऊ स्थित मनकामेश्वर धाम के महंत देब्या गिरी ने बताया कि सावन के महीने की शुरुआत के साथ ही अब महीने भर यहां अभिषेक और आरती होगी। मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही रूद्राभिषेक का काम शुरू कर दिया गया। इस बीच, सावन के महीने की शुरुआत के साथ ही सूबे का प्रशासन भी चौकन्ना हो गया है। अतिसंवेदनशील माने जाने वाले काशी विश्वनाथ मंदिर में खासतौर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। लाखों की संख्या में भक्तों के पहुंचने की संभावना को देखते हुए मंदिर और उसके आसपास के इलाकों में चप्पे-चप्पे पर पुलिसबल की तैनाती की गई है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 23, 2013, 12:00