Last Updated: Tuesday, May 28, 2013, 22:26
भुवनेश्वर : ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने आज सारदा समूह के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) सुदीप्त सेन और कंपनी निदेशक देबजानी मुखर्जी को रिमांड पर लेने की प्रक्रिया शुरू करते हुए प्रदेश में सीशोर समूह के दफ्तरों और एक फार्महाउस के दफ्तरों को सील कर दिया।
ओडिशा स्थित सीशोर समूह एक बड़ी चिटफंड कंपनी के तौर पर उभर रहा है जिसने कथित तौर पर राज्य में निवेशकों से करीब 1,000 करोड़ रुपये इकट्ठे किये। अपराध शाखा ने कटक में कंपनी के दफ्तर और आंगुल जिले में एक फार्म हाउस को सील कर दिया। सीशोर समूह के एक शीतगृह को भी पुलिस ने सील कर दिया है।
अपराध शाखा के एडीजी बी के शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पुलिस अपना धन लौटाने की मांग कर रहे निवेशकों के हित को ध्यान में रखते हुए सीशोर समूह के दफ्तरों, चल और अचल संपत्तियों को सील कर रही है। निवेशकों में बांटने के लिहाज से पैसा जुटाने के लिए संपत्तियों को बेचा जा सकता है।’’ इस बीच अपराध शाखा ने राज्य के हजारों निर्दोष लोगों के साथ धोखाधड़ी में कथित तौर पर शामिल होने के मामले में सारदा समूह के सीएमडी सुदीप्त सेन और कंपनी निदेशक देबजानी मुखर्जी को रिमांड में लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
शर्मा ने कहा, ‘‘रिमांड के लिए जरूरी पेशी वारंट बालेश्वर अदालत ने जारी कर दिया है। इसे कोलकाता में साल्ट लेक में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष जमा किया गया है।’’ उन्होंने बताया कि अपराध शाखा के अधिकारियों ने दमदम जेल के अधिकारियों को एक आवेदन भी दिया है जहां सेन बंद है।
शर्मा ने कहा कि सेन और मुखर्जी के खिलाफ यहां मामले लंबित होने के चलते उनकी मौजूदगी जरूरी है। सेन को 3 जून तक के लिए दमदम जेल में रखा गया है। शर्मा को उम्मीद है कि कोलकाता पुलिस की जांच पूरी होने के बाद सेन को जून में रिमांड में लिया जा सकेगा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 28, 2013, 22:26