सुहाग के लिए महिलाएं रखती हैं तीज व्रत

सुहाग के लिए महिलाएं रखती हैं तीज व्रत

पटना : हमारे देश में महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा के लिए तरह-तरह के व्रत करती हैं। तीज का व्रत उनमें से सबसे प्रमुख है। यह व्रत मंगलवार को है। लिहाजा देश में, खासतौर से उत्तरी हिस्सों में तीज की तैयारी जोरों पर है। पूरे बिहार में बाजारों में तीज की रौनक छाई है। वैसे तो श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया को भी तीज मनाई जाती है, जिसे छोटी तीज या `श्रावणी तीज` कहा जाता है, परंतु भादो महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को बड़ी तीज तथा `हरितालिका तीज` कहा जाता है।

पहले यह पर्व केवल बिहार, झारखंड, उतर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मनाया जाता था, परंतु अब यह पर्व देश के लगभग सभी राज्यों में मनाया जाने लगा है। महिलाएं इस दिन उपवास रखकर रात को शिव-पार्वती की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर पूजा करती हैं और पति के दीर्घायु होने की कामना करती हैं।

इस पर्व पर कई प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं, जिन्हें प्रसाद स्वरूप वितरित किया जाता है। इसमें एक खास तरह का पिड़ुकिया नामक एक पकवान होता है। पिडुकिया बनाने में घर के बच्चे भी सहयोग करते हैं। पिडुकिया मैदे से बनाया जाता है, जिसमें खोया, सूजी, नारियल और बेसन भर दिया जाता है। पूजा के बाद आस-पड़ोस के घरों में प्रसाद बांटने की भी परंपरा है।

पंडित जय कुमार पाठक कहते हैं कि भादो महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को यह पर्व मनाया जाता है, तथा हस्त नक्षत्र के दौरान पूजा की जाती है। वह कहते हैं कि इस पर्व को जो सुहागिन स्त्री अपने अखंड सौभाग्य और पति व पुत्र के कल्याण के लिए व्रत रखती है, उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है। मान्यता है कि पार्वती की तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने आज ही के दिन पार्वती को अपनी पत्नी स्वीकार किया था। अब तो कुंवारी लड़कियां भी यह व्रत रखती हैं। पटना के कंकड़बाग की महिला साधना कहती हैं कि तीज पर्व का इंतजार सभी महिलाओं को रहता है। वह कहती हैं कि महिलाएं एक पखवाड़े पहले से ही इस पर्व की तैयारी में जुट जाती हैं।
(एजेंसी)

First Published: Monday, September 17, 2012, 13:00

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