सूर्यनेल्ली पर फैसले का हुआ स्वागत

सूर्यनेल्ली पर फैसले का हुआ स्वागत

तिरूवनंतपुरम : सूर्यनेल्ली सामूहिक बलात्कार कांड के 35 आरोपियों को छोड़ने के केरल उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का लड़की के माता-पिता, नेताओं और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया है ।

इड्डुकी जिले के निवासी लड़की के पिता ने कहा कि हम ईश्वर को धन्यवाद देते हैं । न्याय के लिए हमारी प्रार्थना सुन ली गई है । उसकी माता ने कहा कि न्याय के लिए इस लंबी लड़ाई में हमारा साथ देने वालों को मैं और मेरे पति धन्यवाद देते हैं ।

इस मुकदमे में लड़की के माता-पिता की मदद करने की शुरूआत करने वाले माकपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वी. एस. अच्युतानंदन ने कहा कि वह प्रसन्न हैं कि न्याय हुआ हालांकि यह थोड़ी देर से हुआ ।

एक बयान में माकपा के 88 वर्षीय नेता ने कहा कि वे ऐसे मामलों में पीड़ितों को न्याय दिलाने की अपनी कोशिश जारी रखेंगे ।

माकपा की महिला शाखा एआईडीडब्लयूए की नेता पी. के. श्रीमती ने कहा कि सूर्यनेल्ली मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को निचली अदालतों में यौन उत्पीड़न के मामलों की सुनवायी के दौरान मील के पत्थर की तरह माना जा सकता है ।

मुख्यमंत्री ओमान चांडी का कहना है कि केरल सरकार की ओर से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी गयी थी। वर्ष 1996 में हुए इस मामले में करीब 40 दिनों तक 16 वर्षीय लडकी का सामूहिक बलात्कार हुआ था।

सवालों के जवाब में चांडी ने कहा कि सूर्यनेल्ली सामूहिक बलात्कार मामले में कानून अपने समयानुसार काम करेगा। उच्चतम न्यायलय के न्यायमूर्ति ए के पटनायक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने वर्ष 1996 के सूर्यनेल्ली सामूहिक बलात्कार कांड के 35 अभियुक्तों को बरी करने के निर्णय के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर यह फैसला निरस्त करते हुये मामला नये सिरे से विचार के लिये उच्च न्यायालय भेज दिया । (एजेंसी)

First Published: Thursday, January 31, 2013, 20:09

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