Last Updated: Wednesday, February 20, 2013, 19:56
कोच्चि : सूर्यनेल्ली सामूहिक बलात्कार मामले के नौ आरोपी जमानत के लिए आज केरल उच्च न्यायालय पहुंचे। इन नौ आरोपियों को सत्र अदालत ने सजा सुनायी है। ये सभी उन 35 लोगों में शामिल हैं जिन्हें उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने वर्ष 2005 में बरी कर दिया था।
इन नौ आरोपियों का कहना है कि उनके खिलाफ आरोपों को साबित करने के लिए कोई भी ठोस सबूत नहीं है। उच्च न्यायालय ने हाल में उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाते हुए बरी किये गए सभी आरोपियों को विशेष अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण के लिए कहा था।
जमानत तोड़ने वाले धर्मराजन को हाल में कर्नाटक से गिरफ्तार किया गया था और उसे जेल भेज दिया गया। उच्च न्यायालय ने उसकी आजीवन कारावास की सजा को कम करके पांच वर्ष कर दिया था। उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद धर्मराजन को अपनी बाकी की जेल की सजा से गुजारना पड़ा।
मामला जनवरी 1996 का है जब केरल के इदुकी जिला स्थित सूर्यनेल्ली से 16 वर्षीय एक लड़की का अपहरण, उसे विभिन्न स्थानों पर ले जाने एवं अलग अलग व्यक्तियों द्वारा उसका यौन उत्पीड़न किये जाने से संबंधित है।
राज्यसभा के उपसभापति पी जे कुरियन कथित रूप से मामले के एक आरोपी हैं। उन्हें इस मामले में बरी कर दिया गया था लेकिन पीड़िता ने हाल में उनका नाम एक ऐसे व्यक्ति के रूप में लिया है जिसने वर्ष 1996 में कथित रूप से उसका उत्पीड़न किया। लड़की ने अपने वकील को पत्र लिखकर कहा था कि वह कुरियन के खिलाफ एक जांच की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करने की संभावनाओं का पता लगायें। कुरियन शुरू से कहते रहे हैं कि उच्चतम न्यायालय ने उन्हें आरोपों से बरी किया है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 20, 2013, 19:56