Last Updated: Monday, April 16, 2012, 02:57
नई दिल्ली/शिमला: हिमाचल प्रदेश में अन्नादेल मैदान को लेकर सेना और राज्य सरकार के बीच जारी जंग रविवार को और तेज हो गई। मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने आगाह किया है कि मैदान को लेकर अपनाए जा रहे कथित तिकड़म के लिए यदि सेना माफी नहीं मांगती तो वह मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। धूमल ने नई दिल्ली में जल्दबाजी में बुलाए गए एक संवाददाता सम्मेलन में उन आरोपों को निराधार करार दिया जिनमें कहा गया है कि राज्य सरकार द्वितीय विश्व युद्ध के समय से सेना के कब्जे में रहने वाले अन्नादेल मैदान को हड़पना चाहती है।
धूमल ने कहा कि यदि कोई सेना के नाम पर मुझे अथवा राज्य सरकार को नुकसान पहुंचाता है तो मैं इसकी अनुमति नहीं दूंगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना के पश्चिमी कमान की ओर से यदि बिना शर्त माफी नहीं मांगी गई तो वह मानहानि का मुकदमा दर्ज करेंगे।
सवालों के जवाब में धूमल ने कहा कि वह सेना से बातचीत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन यह माफीनामा जारी करने के बाद ही सम्भव है।
शिमला के रिज से तीन किलोमीटर दूर 121 बीघा में फैला यह मैदान सेना और राज्य सरकार के बीच विवाद का विषय बना हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भूमि राज्य सरकार की है जिस पर सेना का अवैध कब्जा है। उन्होंने बताया कि इस भूमि को 10 वर्षो के लिए पट्टे पर सेना को दिया गया था और इसके बाद इस अवधि को बढ़ा दिया गया। उन्होंने बताया कि पिछले 30 वर्षो में पट्टे की अवधि का नवीनीकरण नहीं किया गया है।
वहीं, कांग्रेस ने इस विवाद के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस ने कहा कि सेना यदि इस मामले की शिकायत केंद्र सरकार से करती है तो सरकार जांच का आदेश देगी।
कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि यह काफी गम्भीर आरोप है। भाजपा-शासित राज्यों चाहे वह हिमाचल प्रदेश हो अथवा कर्नाटक में भ्रष्टाचार मुख्य मुद्दा लगता है। सेना ने जैसा कि आरोप लगाया है, राज्य सरकार को माफिया के साथ मिलकर काम नहीं करना चाहिए।
सरकार यह मैदान स्थानीय प्रशासन को देने के पक्ष में है, ताकि यहां बहुद्देश्यीय खेल स्टेडियम का निर्माण हो सके। लेकिन सेना का कहना है कि यह देश की सुरक्षा की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है और इसे किसी भी खेल के लिए नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
बहुद्देश्यीय स्टेडियम के निर्माण के लिए हिमाचल प्रदेश क्रिक्रेट एसोसिएशन (एचपीसीए) इस मैदान को स्थानीय प्रशासन को देने की मांग कर रही है, जिसके अध्यक्ष धूमल के बेटे व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद अनुराग ठाकुर हैं।
धूमल का बयान पश्चिमी कमान की ओर से जारी बयान के बाद आया, जिसमें सेना ने स्पष्ट किया कि मैदान आपदा प्रबंधन एवं राहत अभियान शुरू करने के लिए बेस के रूप में काम करता है।
सेना के बयान में कहा गया है कि अन्नादेल मैदान का इस्तेमाल वर्ष 1888 में डूरंड फुटबॉल टूर्नामेंट सोसाइटी द्वारा किया गया था। इसके बाद द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सेना ने प्रशिक्षण शिविर के लिए इसे अपने कब्जे में ले लिया था। सेना इस मैदान के नागरिक इस्तेमाल की अनुमति नहीं देती।
(एजेंसी)
First Published: Monday, April 16, 2012, 08:27