‘हत्या के दौरान खुला था आरूषि के कमरे का दरवाजा’

‘हत्या के दौरान खुला था आरूषि के कमरे का दरवाजा’

गाजियाबाद : आरूषि-हेमराज हत्याकांड मामले में बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत में सीएफएसएल के वैज्ञानिक से जिरह की गई जिसने बताया कि हत्या के दौरान आरूषि के कमरे का दरवाजा खुला हुआ था।

बचाव पक्ष ने गवाह से आरूषि के कमरे का दरवाजा खुला होने और तलवार दम्पत्ति के घर किए गए डमी परीक्षण की बारे में सवाल किए। गवाह ने बताया कि डमी परीक्षण के दौरान लिए गए फोटोग्राफ्स का घटनास्थल के फोटों से मिलान किया गया था। सीएफएसएल के वैज्ञानिक डा. राजेन्द्र सिंह ने अदालत को बताया था कि घटना के दौरान आरूषि के कमरे का दरवाजा खुला था क्योंकि बाहरी दरवाजे पर खून के निशान पाए गए थे।

डॉ. सिंह ने अदालत को बताया कि दरवाजे के सामने वाले भाग में खून के धब्बे पाए गए जिनके आकार और आकृति से लगता है कि हत्यारे ने अंदर रहते हुए ही हाथ में पकड़ा हथियार झटका होगा। उन्होंने कहा कि यदि हत्यारा बाहर आकर दरवाजा बंद कर दे और हथियार को झटके तो भी दरवाजे के बाहरी हिस्से पर खून के धब्बे आएंगे लेकिन तब खून के धब्बों के आकार और आकृतियां अलग होंगी।

जिरह के दौरान डा. सिंह ने कहा कि डमी टेस्ट के दौरान सीबीआई के कर्मचारी मौजूद थे । चादर में जिस व्यक्ति को लिटाया गया वह भी सीबीआई से ही था । उन्होंने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि जिसे चादर पर लिटाया गया उसकी कोहनियों में टेस्ट के दौरान खरोंच आई थी या नहीं।

उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें यह याद नहीं है कि उन्होंने घटनास्थल पर आवाज का कोई परीक्षण किया हो । इस दौरान अदालत में तलवार दम्पत्ति पेश हुए। आरूषि और उसके घर के नौकर हेमराज की 2008 में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में आरूषि के अभिभावकों दंत चिकित्सक राजेश और नूपुर तलवार के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। (एजेंसी)

First Published: Thursday, January 17, 2013, 00:23

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