Last Updated: Tuesday, April 23, 2013, 23:27

पटना : दिल्ली में हाल ही में आयोजित जद यू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अपने संबोधन के बारे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने बिहार के काम, यहां के गठबंधन, और अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व तथा उनकी सोच की प्रशंसा की जो कि किसी के खिलाफ नहीं था।
दिल्ली में हाल ही आयोजित जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अपने संबोधन के कारण भाजपा और जदयू के बीच जारी बयानबाजी और टकराव की ओर इशारा करते हुए नीतीश ने आज कहा कि बिहार के काम, यहां के गठबंधन, और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व तथा उनकी सोच की प्रशंसा की जो कि किसी के खिलाफ तो था नहीं। नीतीश ने कहा कि हमने तो अपने गठबंधन और राज्य की प्रशंसा की, किसी की शिकायत नहीं की।
नीतीश ने कहा कि वह किसी के खिलाफ बोलते नहीं पर अपनी पार्टी के बुनियादी सिद्धांत - समाज में समरसता एवं बदलाव के लिए बोलेंगे। बिहार पीछे रह गया है तो हम चाहेंगे कि जो पिछडे इलाके हैं उनको भी आगे बढाया जाए। नीतीश ने कहा कि यह हमारे सिद्धांत का प्रश्न है और उससे समझौता किए बिना वह अपना काम करते रहेंगे और चाहेंगे कि सभी मिल जुलकर चलें। उन्होंने कहा कि उनके बारे में इतनी सारी भ्रांतियां फैल जाती हैं और फैलायी जाती हैं पर वह यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं उनका कोई स्वार्थ, ख्वाब और ख्वाहिश नहीं है। नीतीश ने कहा कि एमएलए, एमपी, केंद्र में मंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री बन गए इसलिए अपनी कोई निजी तमन्ना नहीं है। उनकी एक ही तमन्ना है कि जनता ने उन्हें जो अवसर दिया है, तो सचमुच बिहार को वहां पहुंचा दें जहां से उसे पीछे खींचकर लाना संभव नहीं हो सके। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 23, 2013, 23:27