हरियाणा में किसानों को 2 से 6 रुपये मुआवजा

हरियाणा में किसानों को 2 से 6 रुपये मुआवजा

चंडीगढ़ : हरियाणा में मंत्रियों को महंगी से महंगी गाड़ियों पर सफर करते देखा जा सकता है, लेकिन जब आम आदमी को कुछ देने की बारी आती है, तो दो-तीन रुपये से काम चला लिया जाता है। हरियाणा सरकार ने झज्जर जिले के कई किसानों को फसलों को हुए नुकसान के लिए दो से छह रुपये तक का चेक वितरित किया है। गौरतलब है कि यह मुआवजा दो सालों के इंतजार के बाद दिया गया है।

नुकसान का आकलन करने के लिए 2011 में कराए गए एक विशेष सर्वेक्षण में यह राशि तय की गई थी। भुपिंदर सिंह हुड्डा सरकार के इस क्रूर मजाक के बाद किसानों ने चेक नहीं स्वीकार करने का फैसला किया है।

एक किसान विजेंदर ने कहा कि मेहनती किसानों के साथ यह एक क्रूर मजाक है। इस चेक को भुनाने में मुआवजा राशि से अधिक खर्च हो जाएगा। एक किसान सत्यनारायण को दो रुपये का चेक मिला, जबकि एक अन्य किसान टेक चंद को तीन रुपये का चेक मिला है।

हुड्डा सरकार ने प्रति एकड़ फसलों के हुए नुकसान के लिए 3,500 रुपये मुआवजा देने का दावा किया है। खुद हुड्डा ने कहा कि वाजिब मुआवजा दिया गया है। एक सरकारी प्रवक्ता ने यहां गुरुवार को कहा कि 2011 में झज्जर जिले के बेरी तहसील में जलजमाव से प्रभावित किसानों के लिए हरियाणा सरकार ने 1.14 करोड़ रुपये का मुआवजा जारी किया है। किसानों को यह राशि 3,365 एकड़ भूमि के लिए 3,500 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से उनके हिस्से की जमीन के मुताबिक वितरित की गई है। मुआवजा की कम राशि को और स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी जमीन के मुताबिक मुआवजा दिया गया है। कोशिश की गई है कि हर सीमांत किसान को मुआवजा मिले।

विपक्षी इंडियन नेशनल लोक दल के नेताओं ने इसे किसानों का उपहास बताकर सरकार का विरोध किया है। इंडियन नेशनल लोक दल के एक नेता और विधायक अभय चौटाला ने कहा कि किसानों से जब हमने फोटो कॉपी मांगी, तो उन्होंने वास्तविक चेक ही दे दिया और कहा कि फोटोकॉपी कराने में अधिक खर्च हो जाएगा। (एजेंसी)

First Published: Thursday, July 25, 2013, 18:47

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