Last Updated: Thursday, March 7, 2013, 18:35
मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने धन शोधन और विदेश में काला धन जमा करने के आरोपों में गिरफ्तार पुणे के कारोबारी हसन अली खान की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
हसन अली खान ने अपनी अर्जी में कहा था कि धन शोधन के मामलों में उसके खिलाफ आरोपपत्र अभी दाखिल नहीं किए गए हैं इसलिए उसे जमानत दी जानी चाहिए।
न्यायमूर्ति आर सी चव्हाण ने कल प्रवर्तन निदेशालय की दलीलें सुनने के बाद हसन अली की जमानत अर्जी खारिज कर दी। प्रवर्तन निदेशालय का तर्क था कि यदि हसन को जमानत दी गयी तो वह फरार हो सकता है और सबूतों के साथ छेड़छाड़ भी कर सकता है।
यूनियन बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड में आठ अरब डॉलर जमा करने के आरोपी हसन को वर्ष 2011 में गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने उसी साल सितंबर में उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद धनशोधन निरोधक कानून की विशेष अदालत ने भी अक्तूबर 2012 में उसकी याचिका खारिज कर दी थी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, March 7, 2013, 18:35