Last Updated: Tuesday, December 18, 2012, 21:17
नई दिल्ली : चलती बस में 23 वर्षीय एक लड़की से बलात्कार मामले को लेकर ‘क्षुब्ध’ दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को महिला वकीलों को आश्वासन दिया कि अदालत की निगरानी में जांच की याचिका पर वह गौर कर रहा है।
अदालत ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा यह बेशर्म प्रयास है जो सोचते हैं कि वे कानून-व्यवस्था के साथ खिलवाड़ कर सकते हैं। हम काफी क्षुब्ध हैं। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के सूत्रधारों को कड़ा संदेश दिया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति विपिन सांघी की पीठ ने कहा कि हमने अखबार भी देखा है और आपस में भी चर्चा की है। कृपया हमें कुछ वक्त दीजिए। हम इस पर गौर कर रहे हैं। करीब 25 महिला वकीलों के समूह ने मामले को पीठ के संज्ञान में लाया।
डुसू की पूर्व अध्यक्ष मोनिका अरोड़ा सहित वकीलों ने पीठ के समक्ष घटना का जिक्र किया और अपील की कि वह मामले का स्वत: संज्ञान ले और इसकी जांच की निगरानी करे। अरोड़ा ने कहा कि हम अदालत की निगरानी में जांच चाहते हैं और इस अदालत को दिशानिर्देश देने चाहिए कि सार्वजनिक स्थलों एवं सार्वजनिक परिवहन साधनों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। ऐसे मामलों में सुनवाई में तेजी लाने के लिए फास्ट ट्रैक अदालत की स्थापना की जानी चाहिए। न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और सूत्रधारों के लिए कड़ा संदेश दिए जाने की जरूरत है। हमें कुछ वक्त दीजिए। उन्होंने वकीलों को इस मुद्दे पर जनहित याचिका दायर करने की छूट दी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 18, 2012, 21:17