Last Updated: Saturday, June 23, 2012, 00:59
कोलकाता : ममता बनर्जी नीत पश्चिम बंगाल सरकार को करारा झटका देते हुए शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सिंगूर भूमि पुनर्वास एवं विकास अधिनियम 2011 को असंवैधानिक और अमान्य करार दिया। इस अधिनियम के तहत राज्य सरकार ने छोटी कार के निर्माण के लिए टाटा मोटर्स को पट्टे पर दी गई जमीन ले ली थी।
मई 2011 में सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में सिंगूर अधिनियम पारित करवाया था। यह उनकी सरकार का पहला बड़ा कानून था। यह कानून बनने के बाद ममता बनर्जी सरकार को टाटा मोटर्स को उसकी छोटी कार नैनो के निर्माण की परियोजना के लिए दी गई 400 एकड़ भूमि वापस लेने का अधिकार मिल गया था।
पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार ने टाटा मोटर्स को लखटकिया नैनो कार परियोजना के लिए यहां से करीब 40 किलोमीटर दूर हुगली जिले के सिंगूर में 997 एकड़ जमीन पट्टे पर दी थी। तब विपक्ष में रही तृणमूल कांग्रेस ने परियोजना के लिए जमीन देने को अनिच्छुक किसानों को 400 एकड़ जमीन लौटाने की मांग की थी और सत्ता में आने के बाद यह जमीन वापस लौटाने का वादा भी किया था। राज्य के विधानसभा चुनाव में सिंगूर का मामला ममता के चुनाव अभियान में प्रमुखता से छाया रहा और वह प्रचंड बहुमत के साथ तीन दशक के मार्क्संवादी शासन का खात्मा कर राज्य की सत्ता पर काबिज हुईं।
टाटा मोटर्स लिमिटेड की ओर से दायर अपील पर फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष और न्यायमूर्ति मृणाल कांति चौधरी ने कहा कि अधिनियम के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं ली गई और यह अमान्य तथा असंवैधानिक है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, June 23, 2012, 00:59