Last Updated: Wednesday, August 24, 2011, 10:40
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के हापुड़ में चमड़ा उद्दोग के लिए भूमि अधिग्रहण को उच्चतम न्यायालय ने निरस्त कर दिया है. 300 एकड़ भूमि का यह अधिग्रहण हापुड़ में लेदर सिटी प्रोजेक्ट बनाने के लिए किया गया था.
विकास के नाम पर भूमि अधिग्रहण करती मायावती सरकार को उस समय झटका लगा जब सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और एचएल दत्तू की खंडपीठ ने मंगलवार को देवेंद्र त्यागी और कुछ अन्य किसानों की याचिका पर भूमि अधिग्रहण निरस्त कर दिया. इस पर सुनवाई करते हुए इस संबंध में 2006 में जारी अधिसूचनाएं रद्द कर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें विकास प्राधिकरण की अनुमति नहीं ली गई थी.
पिछले चार माह में राज्य सरकार का यह पांचवा मामला है जिसमें सर्वोच्च अदालत ने अर्जेंसी क्लॉजों के तहत किए गए अधिग्रहण अवैध ठहराकर निरस्त किया है. हालांकि इस मामले में यूपी सरकार को एनसीआर एक्ट के उल्लंघन का भी दोषी पाया है.
हापुड़-पिलखुआ विकास प्राधिकरण द्वारा हापुड़ में चमड़ा उद्दोग के लिए 300 एकड़ जमीन को चिटोली, सबली और इमतोरी गांवों से भूमि अधिग्रहण के लिए भूमि अधिग्रहण कानून की धारा 17 के तहत जुलाई 2006 में अधिसूचना जारी की थी. कोर्ट ने अधिग्रहण की 2006 तथा 2008 में जारी राज्य सरकार की अधिसूचनाएं रद्द कर दी. कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार ने इस मामले में अर्जेंसी क्लॉज के तहत अधिग्रहण कर गलती की है.
First Published: Wednesday, August 24, 2011, 16:37