हिंसा की आग में जला मुजफ्फरनगर, पत्रकार समेत 21 की हत्या, सेना का फ्लैग मार्च

हिंसा की आग में जला मुजफ्फरनगर, पत्रकार समेत 21 की हत्या, सेना का फ्लैग मार्च

हिंसा की आग में जला मुजफ्फरनगर, पत्रकार समेत 21 की हत्या, सेना का फ्लैग मार्चमुजफ्फरनगर : मुजफ्फरनगर में रविवार को 10 लोग और मारे गए जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस जिले में हिंसा में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है। वहीं, सेना ने फ्लैग मार्च किया है और कानून व्यवस्था को बहाल करने के लिए हजारों की संख्या में दंगा रोधी पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।

प्रभावित इलाकों में हालात का जायजा लेने वाले अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अरुण कुमार ने यहां बताया, ‘चूंकि यह (हिंसा) कई गांवों में हो रही है इसलिए यह वक्त स्थिति को शांत करने का है।’ जिलाधीश कौशल राज शर्मा ने बताया कि हिंसा में अब तक 21 लोग मारे गए हैं।

हालांकि, लखनऊ में राज्य के गृह सचिव कमल सक्सेना ने बताया कि हिंसा में अब तक 19 लोग मारे गए हैं इनमें कल मारे गए 11 लोग भी शामिल हैं।

सक्सेना ने बताया क प्रभावित इलाकों में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं और मुजफ्फरनगर के सिसौली, शाहपुर, फुगना, कालापार तथा धाउराकला इलाकों से हिंसा की घटनाएं दर्ज की गई हैं।

उन्होंने बताया कि एक स्थान पर सेना को गोली चलानी पड़ गई क्योंकि किसी ने उन पर गोलीबारी कर दी थी। यह पूछे जाने पर कि क्या दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है, सक्सेना ने बताया कि हालात पर काबू पाने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं और उसके लिए जरूरत हुई तो गोलीबारी भी की जा सकती है।

पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि हालात को काबू में करने के लिये कई जगह उपद्रवियों पर गोलियां भी चलायी गयीं। हालांकि इस कार्रवाई में किसी की मौत नहीं हुई है। हिंसक झड़पों के मामले में अभी तक 52 लोग गिरफ्तार किये गये हैं। दिन में दो बजे के बाद से स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। जानमाल की क्षति पहुंचाने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का भी इस्तेमाल होगा।

गुप्ता ने कहा कि इलाके में सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक और ट्विटर, एसएमएस तथा मोबाइल एप्लीकेशन वाट्सऐप के जरिये अफवाहें फैलायी जा रही हैं, ताकि समुदायों में मनमुटाव और नफरत भड़काई जा सके। साथ ही एक वीडियो भी साझा किया जा रहा है जिसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की किसी घटना के तौर पर प्रचारित किया जा रहा है, जबकि सचाई यह है कि वह विदेश में किसी जगह फिल्माया गया दो-तीन साल पुराना वीडियो लगता है।

इसके पहले अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अरुण कुमार ने कहा, स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। कल रात से कोई भी गैरकानूनी घटना की सूचना नहीं मिली है। सेना की तैनाती कर दी गई है और उन्होंने फ्लैग मार्च से शुरूआत की है। उन्होंने कहा, कल रात से हमने करीब 30 लोगों को गिरफ्तार किया है और हम उम्मीद करते हैं कि स्थिति निंयत्रण में रहेगी। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को विशेष निर्देश दिये गए हैं कि वे स्थिति से नरमी से निपटें।

कावल गांव में तीन व्यक्तियों की मौत के बाद से जिले में तनाव बढ़ा हुआ है। कल झड़पों में एक टेलीविजन चैनल पत्रकार सहित नौ व्यक्ति मारे गए थे और 34 अन्य घायल हो गए थे। हिंसा में मारे गए व्यक्तियों में आईबीएन7 के अंशकालिक संवाददाता राजेश वर्मा और पुलिस द्वारा रखे गए फोटोग्राफर इसरार शामिल हैं।

कल की हिंसा उस समय हुई जब गत 27 अगस्त को कावल गांव में हुई हिंसा के सिलसिले में दर्ज किये गए मामलों को वापस लेने की मांग को लेकर निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए नगलाबादहोद में एक पंचायत आयोजित हो रही थी। (एजेंसी)

First Published: Sunday, September 8, 2013, 00:13

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