`हुकूमत करना सिर्फ मायावती को आता है`

`हुकूमत करना सिर्फ मायावती को आता है`

`हुकूमत करना सिर्फ मायावती को आता है`इटावा: उत्तर प्रदेश विधानसभा के गत चुनाव में सपा को समर्थन देने के बाद हाल में मतभेदों के कारण अलग राह लेने वाले दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी ने मायावती की शान में कसीदे पढ़ते हुए कहा है कि मुल्क में अगर कोई हुकूमत करना जानता है तो वह सिर्फ मायावती ही हैं।

बुखारी ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के गृह जनपद इटावा में कल रात आयोजित ‘अधिकार दो रैली’ में कहा कि सपा सरकार ने राज्य के मुसलमानों को ना सिर्फ छला है, बल्कि उन्हें असुरक्षा की भावना का शिकार भी बना दिया है। इससे अच्छी तो मायावती की सरकार थी।

उन्होंने कहा कि इस मुल्क में अगर कोई हुकूमत करना जानता है तो वह सिर्फ मायावती ही हैं। हम उम्मीद करते हैं कि उन्होंने जिस तरह से दलितों का वोट हासिल करके दलितों का उद्धार किया है, उसी तरह अब मुसलमानों का भी भला करेंगी। हाल में सपा के खिलाफ काम का ऐलान करने वाले बुखारी ने दावा किया कि मुलायम सिंह यादव का मुल्क का प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब कभी पूरा नहीं होगा। मुस्लिमों की नाराजगी के चलते आगामी लोकसभा चुनाव में सपा मात्र 20 सीटों के अंदर सिमट जाएगी।

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने सपा को कब्जे में लेकर भाजपा के हाथों गिरवी रख दिया है। सपा प्रमुख की बेबसी पिछले दिनों दिये गये उनके बयानों से जाहिर होती रही है। इस हकीकत से इनकार नहीं किया जा सकता कि सपा का राजनीतिक भविष्य अब खतरे में है।

मौलाना बुखारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा के एक साल के शासनकाल में साम्प्रदायिक हिंसा की 113 वारदात हो चुकी हैं और उनकी सबसे बड़ी कीमत मुसलमानों को ही चुकानी पड़ी है। सपा मुसलमानों से किये गये अपने वादों को पूरा करने तथा उन्हें न्याय देने में नाकाम रही है और अब उत्तर प्रदेश के इस शोषक राज को उखाड़ फेंकने का वक्त आ गया है।

उन्होंने कहा कि महरूमियां, नाकामियां और तकलीफें ही मुसलमानों का मुकद्दर बन गयी हैं। अब तो मुसलमानों का एक ही नारा है, भागीदारी दो, अधिकार दो और वोट लो।

बुखारी ने मुसलमानों को एकजुट होने की हिदायत देते हुए कहा कि ऐसा नहीं होने तक उन्हें अपने हक से महरूम ही रहना पड़ेगा। जिस तरह दलितों ने एकजुट होकर मायावती को ताज सौंपा। वर्ष 1984 में दंगों के बाद सिखों ने एकजुटता दिखायी और दोनों कौमों को उनके अधिकार हासिल हुए। इसी तरह मुसलमानों को भी कदम उठाना होगा। (एजेंसी)

First Published: Monday, April 22, 2013, 17:12

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