Last Updated: Monday, February 4, 2013, 20:32
श्रीनगर : हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े ने आज खुद को जम्मू-कश्मीर के मुफ्ती-ए-आजम मुफ्ती बशीरुद्दीन के उस फतवे से अलग कर लिया, जिसमें उन्होंने गायन को ‘इस्लाम-विरोधी’ करार दिया है। हुर्रियत ने कश्मीर में लड़कियों के पहले बैंड ‘प्रगाश’ को मिल रही धमकियों को भी महज ‘दुष्प्रचार’ करार दिया।
हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रवक्ता अयाज अकबर ने बातचीत में कहा कि मुफ्ती बशीरुद्दीन (जम्मू-कश्मीर के मुफ्ती-ए-आजम) की ओर से जारी फतवे से हम खुद को अलग करते हैं। लोग उन्हें मुफ्ती-ए-आजम नहीं मानते, सिर्फ सरकार ही उन्हें मान्यता देती है। अकबर ने मुफ्ती बशीरुद्दीन की ओर से जारी फतवों को यह कहते हुए ‘रहस्यमयी’ करार दिया कि ऐसी चीजें ‘समाज में कानून की कमी’ को बढ़ावा देती हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि यह काफी रहस्यमयी है, जिस तरह से वह फतवे जारी करते हैं, उससे कानून की कमी पैदा होती है। फतवे सिर्फ उस वक्त जारी किए जा सकते हैं जब देश में शरियत कानून लागू हो। अकबर ने रॉक बैंड ‘प्रगाश’ को मिल रही धमकियों की खबरों को ‘महज दुष्प्रचार’ करार देकर खारिज कर दिया। अकबर ने कहा कि लड़कियों को कोई खतरा नहीं है। किसी ने धमकी नहीं दी है। यह तो भारतीय मीडिया की ओर से किया गया दुष्प्रचार है और कश्मीरियों को बदनाम करने के लिए वे एक छोटे से मुद्दे को पहाड़ बना रहे हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 4, 2013, 20:32