Last Updated: Tuesday, September 3, 2013, 13:35
हैदराबाद : सीमांध्र (तटीय आंध्र प्रदेश एवं रायलसीमा) के विधायकों एवं मंत्रियों ने कांग्रेस नेतृत्व से आंध्र प्रदेश के विभाजन के फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए मंगलवार को हैदराबाद में एक दिन का अनशन शुरू किया। कांग्रेस पार्टी के विधायक विधानसभा परिसर में मौजूद महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने भूख हड़ताल पर बैठ गए।
कड़ी सुरक्षा के बीच 12 मंत्री, 29 विधायक और छह विधान पार्षद इस अनशन में शामिल हुए हैं। राज्य के वित्त मंत्री अनम रामनारायण रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा कि वे 30 जुलाई को पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के किए गए फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग कर रहे हैं क्योंकि इसने सीमांध्र के लोगों की भावना को आहत किया है।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश संयुक्त राज्य के रूप में ही विकास और उन्नति कर सकता है। हम आखिरी वक्त तक नेतृत्व को उनका फैसला वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश जारी रखेंगे। प्राथमिक शिक्षा मंत्री एस. शैलजानाथ ने कहा कि जब सीमांध्र में लोगों का प्रदर्शन एक महीने से जारी है और हर दिन इसमें तेजी आ रही है तब उन्होंने लोगों के पक्ष में जाने का फैसला किया है।
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के विरोध में पहली बार सीमांध्र के नेता हैदराबाद में भूख हड़ताल कर रहे हैं। पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए विधानसभा और इसके आसपास के इलाके में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए हैं। सीमांध्र से कुछ नेताओं ने पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। रेड्डी के उनका इस्तीफा न स्वीकारने पर दो मंत्रियों ने सोमवार को राज्यपाल एएसएल नरसिम्ह्न से उनका इस्तीफा स्वीकार लेने की मांग की थी। राज्यपाल ने उनसे कहा है कि वह उनका इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेजेंगे और उनकी सिफारिश के आधार पर निर्णय लेंगे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 3, 2013, 13:35