Last Updated: Tuesday, September 25, 2012, 16:17
मुंबई : बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन महसूस करते हैं कि भारतीय फिल्मोद्योग में अच्छी गुणवत्तापूर्ण पटकथाओं की कमी के लिए शिक्षा का असमान स्तर जिम्मेदार है। जब उनसे अच्छी पटकथाओं के विषय में पूछा गया तो उन्होंने पत्रकारों से कहा कि शिक्षा की कमी। शिक्षा का स्तर बराबर या सार्वभौमिक नहीं है। यह भी देश की त्रासदियों में एक त्रासदी है।
उन्होंने यहां ऑनलाइन पोर्टल `द बिग इंडियन सिनेमा` की शुरुआत के अवसर पर सोमवार को कहा कि एक शिक्षित समाज अच्छे और बुरे का फर्क समझेगा और उम्मीद है कि हमारे सिनेमा के लिए जिस तरह की पटकथाएं लिखी जा रही हैं, उसमें यह प्रतिबिम्बित होगा। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि तब तक आपको बहुत सुरक्षित रास्ता चुनना होगा। एक ऐसा रास्ता जिसे समझने में ऐसे व्यक्ति को परेशानी न हो जो कि शिक्षित नहीं है। इसके साथ ही यह रास्ता ऐसा हो, जिसके जरिए हम संदेश को सूक्ष्मता से पहुंचा सकें। मैं भारतीय सिनेमा को बहुत सम्मान दूंगा क्योंकि इसे एक बहुत संकीर्ण रास्ते से गुजरना पड़ रहा है।
इस बीच 69 वर्षीय अमिताभ ने हिंदी फिल्मों में नाच-गाने का बचाव करते हुए कहा कि इस तरह से भारतीय समाज प्रतिबिम्बित होता है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 25, 2012, 16:17