Last Updated: Saturday, April 27, 2013, 21:34
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली : वर्ष 1990 की सुपर-डुबर हिट फिल्म ‘आशिकी’ का रिमेक बनाने का आइडिया खराब नहीं था लेकिन दुख की बात है कि ‘आशिकी-2’ को उस तरह से पेश नहीं किया गया है जैसा कि एक क्लासिकल ऑन स्क्रीन रोमांस को पेश किया जाना चाहिए था।
फिल्मकार मोहित सूरी की इस फिल्म में दो गायकों राहुल जयकर (आदित्य राय कपूर) और आरोही सिरके (श्रद्धा कपूर) की कहानी है। गोवा के एक बार में गीत पेश कर रही आरोही पर आदित्य की नजर पड़ती है और वह आरोही में कल की गायिका देखता है।
राहुल आरोही को बड़ा सिंगर बनाने के लिए हर कोशिश करता है। वह चाहता है कि आरोही की आवाज करोड़ों लोगों तक पहुंचे। थोड़े ही समय में आरोही बड़ी सिंगर बन जाती है। इस दौरान राहुल और आरोही के बीच प्रेम भी होता। लेकिन परिस्थितियां कुछ ऐसी करवट लेती हैं कि दोनों के रिश्ते सामान्य नहीं रह पाते।
‘आशिकी 2’ अपने पहले संस्करण की तरह एक साथ-सुथरी फिल्म है लेकिन फिल्म में रोमांस की कमी है। दोनों मुख्य कालकारों खासकर श्रद्धा कपूर रोमांस का भाव प्रदर्शित नहीं कर पातीं और न ही उनका अभिनय रोमांस को तीव्र कर पाता है।
श्रद्धा के मुकाबले आदित्य अपनी भूमिका से थोड़ा न्याय करते हुए दिखते हैं। आदित्य जब संवाद बोलते हैं तो वह वास्तविक लगते हैं। आदित्य अभिनय से अपनी भूमिका को प्रभावी बनाने का प्रयास करते हैं।
सहायक कलाकारों में शाद रंधावा ने अच्छा अभिनय किया है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि न तो ‘आशिकी-2’ की कहानी गलतियों से मुक्त है और न ही मोहित सूरी का निर्देशन ही खरा है। कुछ जगहों पर दृश्य जरूरत से ज्यादा बड़े हैं तो कहीं पर दृश्य बहुत जल्द समाप्त हो जाते हैं। फिल्म की कहानी में भी एकसूत्रता नहीं है।
फिल्म का गीत-संगीत थोड़ा राहत देने वाला है। ‘तुम ही हो’ गीत सुनने में अच्छा लगता है।
संक्षेप में यदि आप आदित्य राय कपूर को पसंद करते हैं या इस फिल्म का संगीत आपको अच्छा लगता है तो आप इस फिल्म को देख सकते हैं।
First Published: Friday, April 26, 2013, 15:21