Last Updated: Thursday, October 18, 2012, 19:16
.jpg)
ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : अभिनेता सैफ अली खान और करीना कपूर ने बीते दिनों कोर्ट में शादी करने के बाद एक दूसरे का साथ देने का वचन लिया। पहले इस तरह की अफवाहें थीं कि दोनों के बीच पारंपरिक ‘निकाह’पढ़ा गया। करीना के करीबी दोस्त और फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा के अनुसार, दोनों ने मिलकर बस कुछ वचन लिए। दोनों की शादी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है।
यानी इस नव दंपति ने तो निकाह किया और न ही हिंदू रीति रिवाजों की तरह शादी। दोनों ने मैरिज कोर्ट में रजिस्टर कराने के बाद ताज पैलेस होटल में महज एक- दूसरे को अंगूठी पहनाई और बाद में शपथ ली।
मामला उस समय तूल पकड़ा जब इस्लामकि संस्था दारूम उलूम ने दोनों की शादी को नाजायज करार दिया है। दारूम उलूम का कहना है कि करीना ने एक खास मकसद के लिए सैफ अली खान से शादी की है। करीना ने इस्लाम कबूल नहीं किया है। संस्था का कहना है कि इस्लाम में निकाह तभी जायज माना जाता है जब दोनों (लड़का व लड़की) मुस्लिम हो। अगर करीना अपने धर्म पर कायम है तो यह शादी इस्लाम में जायज नहीं है।
दारूम उलूम के मुफ्ती राशिद कासमी ने कहा कि शरीयत के अनुसार, निकाह के लिए लड़के और लड़की का मुस्लिम होना जरूरी है। दारूम उलूम वक्फ के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना मुफ्ती आरिफ कासमी ने भी कहा है कि हर मुस्लिम के लिए जरूरी है कि वह मुस्लिम से ही शादी करे।
गौर हो कि मनीष मल्होत्रा ने बताया था कि दोनों ने कोलाबा के ताज महल होटल में साथ साथ वचन लिए। वहां सात फेरे की रस्म नहीं हुई। दोनों ने पारंपरिक रिवाज के अनुसार विवाह नहीं किया। करीना की मां बबीता क्रिश्चियनिटी में विश्वास रखती है। इसलिए शादी की रस्म ईसाई रीति रिवाज के मुताबिक हुई थी। मनीष मल्होत्रा ने यह खुलासा किया था कि कोलाबा के होटल ताज में दोनों ने सिर्फ वचन लिए थे। सात फेरे नहीं हुए थे। इसके पहले मीडिया में खबर थी कि दोनों ने होटल में निकाह किया है।
First Published: Thursday, October 18, 2012, 19:16