Last Updated: Saturday, April 28, 2012, 10:50
मुंबई : अभिनेता संजय दत्त ने उस वक्त एक्शन फिल्में कीं जब एक्शन फिल्मों का दौर नहीं था, 90 के दशक में ज्यादातर हास्य फिल्में बन रही थीं, उस दौर में भी उन्होंने ‘खलनायक’, ‘वास्तव’ और ‘दस’ जैसी एक्शन प्रधान हिट फिल्में दीं । इन फिल्मों में संजय दत्त ने अपनी जबर्दस्त अभिनय क्षमता भी दिखाई ।
‘विजेता’, ‘ताकतवर’, ‘कब्जा’ और ‘हथियार’ जैसी एक्शन से भरपूर फिल्में करने वाले संजय ने कहा, ‘‘वह दौर था जब अजय, अक्षय, जैकी, सनी और मैं एक्शन हीरो कहे जाते थे और अचानक ही हम सभी के लिए ऐसा भी दौर आया जब हमने कोई एक्शन फिल्में नहीं की.. केवल कॉमेडी फिल्मों में काम किया । मैंने फिर से वापसी की । यह काफी चौंकाने वाला था।’ 80 के दशक के उत्तरार्ध में और 90 के दशक के पूर्वार्ध में ऐसा भी समय रहा जब सनी देओल, अजय देवगन, जैकी श्रॉफ ने दर्शकों को काफी हैरानी में डाला ।
अक्षय तो ‘मोहरा’, ‘संघषर्’, ‘आंखें’ और खिलाड़ी श्रृंखला की फिल्मों से ‘बॉलीवुड के खिलाड़ी’ बन गए । जबकि सनी ने ‘अजरुन’, ‘बेताब’, ‘घायल’, ‘जिद्दी’ और ‘दामिनी’ जैसी फिल्मों में दमदार अभिनय किया । लेकिन फिर हास्य फिल्मों का दौर चला । हालांकि इस 52 वर्षीय अभिनेता को एक्शन फिल्मों के जरिए बॉलीवुड में वापसी करने से खुशी है ।
दत्त कहते हैं, ‘उस समय मैं जैकी, सनी या अजय से बातचीत करता था और हम यह देखकर चकित होते थे कि एक्शन का दौर कहां चला गया । सबसे अच्छी बात यह थी कि दक्षिण की फिल्मों ने एक्शन को नहीं भूला था । यही वह बात है जो दक्षिण की फिल्मों को ज्यादा समय तक याद रखने वाली बनाती है।’
दत्त ने कहा, ‘मैं यह जरूर कहूंगा कि हास्य करना कठिन है.. यह आसान नहीं है । जब आप डायलॉग बोलते हैं तो सबकुछ टाइमिंग पर निर्भर करता है । ‘मुन्नाभाई’ जैसी अच्छी हास्य फिल्में भी बनी हैं.. यह सच में अच्छी फिल्म है.. जिसमें हास्य, भावना सबकुछ है।’
(एजेंसी)
First Published: Saturday, April 28, 2012, 16:22