गानों में अब तमीज नहीं: जावेद-Jaipur Literature Festival 2013: Tameez is missing in Bollywood songs, says Javed Akhtar

गानों में अब तमीज नहीं: जावेद

गानों में अब तमीज नहीं: जावेदजयपुर: बॉलीवुड के जानेमाने गीतकार जावेद अख्तर ने जयपुर साहित्योत्सव में कहा कि सिनेमा और समाज जुदा-जुदा नहीं बल्कि एक ही सिक्के के दो पहलू हैं ।

अपने संबोधन में अख्तर ने समाज की भाषा और इसके शब्दकोष में आ रही गिरावट पर चिंता जतायी और कहा कि इसी वजह से सिनेमा की भाषा और इसके शब्दकोष का स्तर भी घटिया होता जा रहा है ।

अख्तर ने कहा कि समाज में भाषा सिमटती जा रही है और इसके लिए शायद मेरी पीढ़ी जिम्मेदार है क्योंकि हम इसकी ज्यादा परवाह नहीं करते । अपने से बड़ों की तुलना में आज के नौजवानों का शब्दकोष काफी छोटा हो गया है । उर्दू में कवि के तौर पर भी अपनी अलग पहचान बना चुके अख्तर ने कहा कि अब गानों में वह तमीज़ नहीं पायी जाती जो ख्यालों में किसी के आया नहीं करते, किसी को ख्वाबों में आके यूं तड़पाया नहीं करते’’ जैसे गाने में मिलती है । आजकल के गाने तो ‘‘बेबी बेबी आजा आजा’’ जैसे होते हैं । यह सिर्फ भाषा का मसला नहीं बल्कि तमीज का भी है ।’ (एजेंसी)

First Published: Friday, January 25, 2013, 21:57

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