जब जीनत से दिल लगा बैठे देवानंद - Zee News हिंदी

जब जीनत से दिल लगा बैठे देवानंद

लंदन: वर्ष 1971 में अपनी फिल्म  हरे रामा हरे कृष्णा की कामयाबी के बाद सदाबहार हीरो देवानंद महसूस करने लगे थे कि वह अपनी खोज और इस फिल्म की नायिका जीनत अमान से प्रेम करने लगे हैं।

 

जीनत के प्रति अपनी भावना का इजहार करते हुए देवानंद ने अपनी आत्मकथा ‘ रोमांसिंग विथ लाइफ’ में लिखा है कि फिल्म की कामयाबी के बाद जब अखबारों और पत्रिकाओं में उनके रोमांटिक संबंधों के बारे में लिखा जाने लगा तो उन्हें अच्छा लगने लगा था।

 

उन्होंने अपने प्रेम की घोषणा करीब करीब कर ही दी थी लेकिन जब उन्होंने जीनत को राज कपूर के करीब देखा तो उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए। राज कपूर अपनी फिल्म सत्यम शिवम सुंदरम में जीनत को नायिका बनाना चाहते थे।

 

वर्ष 2007 में प्रकाशित इस पुस्तक में देवानंद ने लिखा है, ‘ कहीं भी और कभी भी जब जीनत के बारे में चर्चा होती तो मुझे अच्छा लगता। उसी प्रकार मेरी चर्चा होने पर वह खुश होती। अवचेतन अवस्था में हम दोनों एक दूसरे से भावनात्मक रूप से जुड़ गए थे।’

 

देवानंद ने स्वीकार किया कि उन्हें उस समय ईर्ष्या हुई जब उनकी अगली फिल्म इश्क इश्क इश्क के प्रीमियर पर राज कपूर ने लोगों के सामने सार्वजनिक रूप से जीनत को चूम लिया। उन्होंने महसूस किया कि वह जीनत से प्रेम करने लगे थे और मुंबई के दि ताज में एक रोमांटिक भेंट के दौरान इसकी घोषणा करना चाहते थे।

 

देवानंद ने लिखा है, ‘ अचानक, एक दिन मैंने महसूस किया कि मैं जीनत से प्रेम करने लगा हूं और इसे उन्हें बताना चाहता था।’इसके लिए उन्होंने होटल ताज को चुना था जहां वे दोनों एक बार पहले भी साथ साथ खाना खा चुके थे।

 

उन्होंने लिखा कि पार्टी में कुछ देर ठहरने के बाद जीनत के साथ भेंट स्थल पर जाने की व्यवस्था कर ली थी। लेकिन पार्टी में ‘ नशे में राज कपूर ने अपनी बांहें फैला दी। जीनत ने भी जवाबी प्रतिक्रिया व्यक्त की।’

 

देवानंद को संदेह था कि इसमें कुछ तो है। उन्होंने याद किया कि उन दिनों अफवाह थी कि जीनत ‘ सत्यम शिवम सुंदरम ’ की नायिका की भूमिका के लिए स्क्रीन टेस्ट की खातिर राजकपूर के स्टूडियो गयी थी।
उन्होंने लिखा, ‘ अफवाहें सच होने लगी थीं। मेरा मन दुखी हो गया था। ’

 

देवानंद के लिए स्थिति और बदल गयी जब ‘ नशे में राज कपूर ने जीनत से कहा कि वह उसके सामने सिर्फ सफेद साड़ी में दिखने का अपना वादा तोड़ रही है।’ दुखी देवानंद ने लिखा कि जीनत अब उनके लिए वह जीनत नहीं रह गयी थी। (एजेंसी)

First Published: Sunday, December 4, 2011, 13:34

comments powered by Disqus