Last Updated: Friday, December 2, 2011, 07:39
नई दिल्ली : मिलन लुथरिया की ‘द डर्टी पिक्चर’ सही मायनों में अपने नाम के अनुरूप कहानी को उसके चमचमाती और रंगीन दुनिया को दर्शाती है। फिल्म की कहानी में 'द डर्टी पिक्चर' 80 के दशक की दक्षिण की अदाकारा रेश्मा (विद्या बालन) को ऐसा दिखाया गया है जो अपने अभिनेत्री बनने के सपने को साकार करने के लिए किस हद तक जा सकती है।
अपनी फिल्मी महत्वकांक्षा को लेकर उसे कैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और किस प्रकार वह रातों रात बड़े परदे पर 'सिल्क' बन छा जाती है, यही है रेश्मा की कहानी। स्टारडम की ऊंचाईयों पर पहुंचने के बाद सिल्क को सच्चे प्यार की तलाश है। उसे कई लोग मिलते भी हैं मगर सब धोखा दे जाते है। सबसे पहले उनके को स्टार सूर्यकांत (नसीरुद्दीन शाह) उनकी जिंदगी में आते हैं मगर उन्हें सिल्क नहीं बल्कि उसके जिस्म से प्यार है। इसके बाद कहानीकार रमाकांत (तुषार कपूर) से भी उन्हें वह प्यार नहीं मिल पाता जिसकी उसे तलाश है।
अपने करियर की उछाल के बीच रेश्मा की निजी जिन्दगी में सबसे मिले धोखे से एकदम टूट जाती है और अंत में निर्देशक इब्राहीम (इमरान हाशमी) के रूप में उन्हें सच्चा प्यार मिलता भी है मगर किसी कारण रेश्मा की मौत हो जाती है।
पूरी फिल्म में रेश्मा यानी विद्या बालन छाई हीं हैं। तुषार, नसीरुद्दीन शाह और इमरान हाशमी अपने रोल में फिट बैठे हैं। कुल मिलाकर संगीत भी दक्षिण और बॉलीवुड के मिश्रण के साथ लोगों को भी झूमने को मजबूर करता है। फिल्म के गीत उलाला.... और इश्क सूफियाना... पहले हीं लोगों की जुबां पर छा गए हैं।
First Published: Friday, December 2, 2011, 13:17