दबंग 2 रिव्यू: एक्‍शन में कम लेकिन मनोरंजन का तड़का दमदार- ‘Dabangg 2’ review: Salman khan alias ‘chulbul Pandey’ lives up to the hype!

दबंग 2 रिव्यू: एक्‍शन में कम लेकिन मनोरंजन का तड़का दमदार

दबंग 2 रिव्यू: एक्‍शन में कम लेकिन मनोरंजन का तड़का दमदारज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

सलमान खान की फिल्म दबंग 2 बॉक्‍स ऑफिस पर धमाल मचाने को तैयार है। फिल्‍म दबंग 2 में सलमान खान, सोनाक्षी सिन्हा, विनोद खन्ना, प्रकाश राज मुख्‍य भूमिका में हैं।

इसमें कोई शक नहीं है कि रुपहले पर्दे पर सलमान का इस समय गोल्‍डन टाइम चल रहा है। आलम यह है कि जिस किसी फिल्म में वह कुछ देर के लिए भी होते हैं वह फिल्म ब्लॉकबस्टर बन जा रही है। इस फिल्‍म के रिलीज से पहले प्रचार-प्रसार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई है और उसका लाभ मिलेगा।

अरबाज खान के निर्देशन में बनी दबंग 2 में पुलिस वाले की वर्दी में ‘दबंग’ सलमान खान फिर से कॉलर के पीछे चश्मा लगाकर और सीटी बजाते हुए बॉक्स ऑफिस पर धमाल करने को तैयार हैं। चुलबुल पांडे इस बार यूपी के दूसरे शहर में अपना जलवा बिखेरेंगे। ‘दबंग 2’ में आप बोर तो नहीं होंगे पर यह फिल्‍म अपने पहले भाग (दबंग) के बराबर नहीं कही जा सकती।

इस फिल्‍म में अरबाज का काम काफी आसान रहा है। कोरियोग्राफर्स ने आइटम सांग बेहतर ढंग से फिल्‍माए हैं। दबंग 2 वही से आगे बढ़ती है, जहां दबंग खत्म हुई थी। अब चुलबुल पांडे शादीशुदा हो चुका है। लालगंज की बजाय बड़े शहर कानपुर में आ चुका है। बजरिया इलाके का थानेदार बन जाता है। खलनायक का नाम बदलकर छेदी सिंह की बजाय बच्चा सिंह हो गया है। दबंग और दबंग 2 की कहानी में सिर्फ इतना ही फर्क है। बाकी किरदारों के रंग वही हैं। यहां तक की गानों के फिल्‍मांकन भी दबंग की याद दिला देते हैं।

इस सीक्‍वल को इसलिए बेहतर कहा जाएगा कि क्योंकि इस बार ट्रीटमेंट हल्का-फुल्का है और एक्शन को सीमित कर दिया गया है। पिता-पुत्र, पति-पत्नी की नोकझोक को बढ़ाया गया है। विनोद खन्ना और सलमान के बीच रात में मकान की छत पर फिल्माए गए दृश्य बेहतर बन पड़ा है। जबकि दबंग में पिता-पुत्र के रिश्‍तों में कोई बनाव नहीं था।

फिल्‍म की कहानी कुछ यूं है कि दबंग 2 वहीं से शुरू होता है जहां दबंग फिल्म खत्म हुई थी। दबंग के पहले भाग में किरदार छेदी सिंह को लालगंज में मार गिराने के बाद चुलबुल पांडे को कानपुर में पोस्टिंग मिलती है। चुलबुल के पहुंचने से पहले ही वहां उनकी बहादुरी की चर्चे होने लगते हैं और काफी मशहूर हो जाते हैं। चुलबुल जब कानपुर पहुंचते हैं तो उनका सामना प्रकाश राज से होता है जो एक नेता और विधायक है। यहीं से फिल्‍म में चोर और पुलिस का खेल शुरू हो जाता है।

खाकी वर्दी में पुलिसवालों को नाचते गाते दिखाया गया है। फिल्म के पहले भाग में कॉमेडी अच्छी है, जिससे लोगों का अच्‍छा मनोरंजन होगा। पर दूसरे भाग में फिल्‍म थोड़ा लीक से हटकर है। एक्‍शन के मामले में फिल्‍म का दूसरा हिस्‍सा कमजोर है। प्रकाश राज ने अच्छा अभिनय किया।

सोनाक्षी सिन्हा अपनी पहली फिल्म से ज्यादा सशक्त दिखी है और उनके अभिनय में निखार दिखा है। फिल्‍म के दो गाने पहले ही हिट चुके हैं।

First Published: Friday, December 21, 2012, 16:36

comments powered by Disqus