Last Updated: Friday, February 17, 2012, 04:05
मुंबई: फिल्म 'देवदास' (2002) में निभाई शीर्षक भूमिका के लिए ढेरों प्रशंसाएं हासिल करने वाले अभिनेता शाहरुख खान को लगता है कि बीते दौर के अभिनेता दिलीप कुमार की नकल कोई नहीं कर सकता। साल 1955 में प्रदर्शित 'देवदास' में दिलीप कुमार मुख्य भूमिका में थे। नसरीन मुन्नी कबीर की किताब 'द डायलॉग ऑफ देवदास' के लोकार्पण कार्यक्रम में शाहरुख ने कहा, आप दिलीप कुमार की नकल नहीं कर सकते। जिस किसी ने भी उनकी नकल की, वे मेरी तरह बेवकूफ थे। द डायलॉग ऑफ देवदास में फिल्मकार बिमल रॉय की नबेंदु घोष की पटकथा व साहिर लुधियानवी के गीतों वाली 'देवदास' के राजिंदर सिंह बेदी के लिखे पूरे संवाद हैं।
शाहरुख अभिनीत संजय लीला भंसाली की 'देवदास' को अलग तरह से बनाया गया है। यह एक भव्य फिल्म थी, जिसमें माधुरी दीक्षित चंद्रमुखी व ऐश्वर्या राय पारो की भूमिका में थीं। इस फिल्म को कई पुरस्कार मिले थे।
मेहबूब स्टूडियो में आयोजित इस कार्यक्रम में दिलीप कुमार तो नहीं पहुंच सके थे लेकिन उन्होंने वहां अपना एक खत भेजा था। शाहरुख ने यह खत पढ़कर सुनाया।
शाहरुख ने कहा, मैं ऐसा कलाकार नहीं हूं जो ऐसी फिल्म में काम करे जिस पर पहले ही बहुत खूबसूरती से काम हो चुका है। मेरे माता-पिता को देवदास बहुत पसंद थी और मैं इस तथ्य का सम्मान करता हूं। मैं बहुत युवा व बेवकूफ था जो मैंने इसमें अभिनय के लिए हां कह दिया लेकिन अब मैं अधिक परिपक्व और उम्मीद है कि अधिक बुद्धिमान हो गया हूं और शायद अब दोबारा ऐसा नहीं करूंगा।
शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास देवदास पर आधारित पहली फिल्म निर्देशक पीसी बरुआ ने बनाई थी। इसमें केएल सहगल मुख्य भूमिका में थे। इसके बाद 1955 में दिलीप कुमार की 'देवदास' और फिर शाहरुख की 'देवदास' प्रदर्शित हुईं।
ऐसा कहा जाता है कि इस उपन्यास पर हिंदी, बांग्ला, तेलुगू, तमिल, उर्दू और असमिया भाषाओं में 15 बार फिल्में बन चुकी हैं।
(एजेंसी)
First Published: Friday, February 17, 2012, 09:36