`पटकथा अच्छी हो तो हीरोईन की क्या जरूरत`

`पटकथा अच्छी हो तो हीरोईन की क्या जरूरत`

मुंबई: मशहूर अभिनेता परेश रावल का मानना है कि अगर पटकथा अच्छी हो तो फिल्म में अभिनेत्री की जरूरत नहीं है। परेश रावल के नाटक के फिल्म रूपांतर ‘ओह माई गॉड’ में कोई अभिनेत्री नहीं है ।

परेश ने कहा कि यह अच्छा है कि इसमें कोई अभिनेत्री नहीं है। इस फिल्म में पूरा ध्यान कहानी पर केन्द्रित किया गया है। उन्होंने दावा किया कि अगर कहानी अच्छी हो तो अभिनेत्री नहीं होने से कोई खतरा नहीं होता । कहानी काफी दमदार है जिससे लोग फिल्म को नहीं भूलेंगे। यह फिल्म काफी अलग है।

‘ओह माई गॉड’ को समीक्षकों की सरहाना मिली है और यह गुजराती नाटक ‘कांजी विरूद्ध कांजी’ का फिल्मी रूपांतरण है।

इस फिल्म की कहानी एक नास्तिक व्यक्ति की है जिसकी दुकान भूकंप में नष्ट हो जाती है ओैर उसे भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

नाटक की पटकथा पर फिल्म बना रहे निर्माताओं ने इसे और अधिक आकषर्क बनाने के लिए कहानी में कुछ बदलाव किए हैं। (एजेंसी)

First Published: Thursday, August 23, 2012, 15:26

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