Last Updated: Wednesday, February 8, 2012, 13:34
इस्लामाबाद : पाकिस्तानी अधिकारियों ने बॉलीवुड लिजेंड दिलीप कुमार का पेशावर स्थित घर तीन करोड़ रूपये में खरीद लिया और उसे एक धरोहर स्थल घोषित कर दिया।
दिलीप कुमार के फिल्मी नाम से मशहूर मोहम्मद यूसुफ खान का जन्म 11 दिसंबर 1922 को पेशावर में किस्सा ख्वानी बाजार के मोहल्ला खुदादार में अपने पैतृक निवास पर हुआ था।
खबर-पख्तूनख्वा प्रांत के संस्कृति विभाग ने हाल ही में दिलीप कुमार का घर उसके मालिक से तीन करोड़ रूपये में खरीद लिया और उसे एक धरोहर स्थल घोषित कर दिया।
अधिकारियों ने बताया कि छह कमरों वाली तीन मंजिला इमारत की मरम्मत दो माह में शुरू हो जाएगी और उसे आम लोगों को लिए खोल दिया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार दिलीप कुमार के रिश्तेदार करीब आठ साल पहले तक इस मकान में रहते थे। उन्होंने एक स्थानीय निवासी को 56 लाख रूपयों में यह इमारत बेच दी थी।
हिंदी सिनेमा के इस दिग्गज का पुश्तैनी घर खराब हालत में दिख रहा है। छत से जगह-जगह मकड़ी के जाले लटके हैं। दिलीप कुमार के पुश्तैनी घर में कई जगह लकड़ी सड़ गई है और दीवारें भी कई जगह खस्ता हाल है। बहरहाल, इमारत के मेहराबी दरवाजे और खिड़कियां अब भी ठीक हैं।
खबर-पख्तूनख्वा प्रांत के सूचना मंत्री मियां इफ्तिखार हुसैन ने हिंदी सिनेमा के दो महान अभिनेताओं दिलीप कुमार और राज कपूर के पुश्तैनी मकानों को खरीदने और उन्हें धरोहर स्थल घोषित करने की पिछले साल दिसंबर में घोषणा की थी।
हुसैन ने कहा था कि दोनों इमारतों को राष्ट्रीय धरोहर स्थल का दर्जा दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि दोनों अभिनेता पेशावर में पैदा हुए थे और इसलिए दोनों हमारी सरजमीन के लिए स्वाभिमान के स्रोत हैं।
प्रांतीय सरकार की योजना दिलीप कुमार जैसे महान अभिनेताओं के जीवन पर वृतचित्र और टीवी कार्यक्रम बनाने की भी है।
उल्लेखनीय है कि अपने साक्षात्कार में दिलीप कुमार पाकिस्तान की यात्रा के दौरान अपने पुश्तैनी मकान जाने की घटना का जिक्र करते रहे हैं।
दिलीप कुमार के पिता लाला गुलाम सरवर फलों के सौदागर थे। पेशावर में और महाराष्ट्र में उनके फलों के बाग थे। अपने ब्लॉग पर हाल के एक पोस्ट में 89 साल के अभिनेता ने कहा कि बचपन के उनके मकान का संरक्षण करने के पाकिस्तानी अधिकारियों के फैसले से वह अभिभूत हैं।
उन्होंने कहा कि पेशावर से जुड़ी उनकी ढेर सारी यादें हैं। उन्होंने किस्सा गोई का पहला सबक यहीं पाया था। दिग्गज अभिनेता ने लिखा, मां-बाप, दादा-दादी और बेशुमार चाचा, चाचियों और चचेरे भाई बहनों की ढेर सारी यादें हैं जिनके गपशप और ठहाकों से घर गूंजा करता था।
उन्होंने लिखा, किस्सा ख्वानी बाजार की प्यारी प्यारी यादें हैं जहां मैंने किस्सा गोई के अपने पहले सबक पाए जिसने मुझे अपने लिए मजेदार किस्से और पटकथाएं चुनने की प्रेरणा दी। राज कपूर का जन्म भी पेशावर में ही 1924 में हुआ था। दाखी नलबंदी स्थित पृथ्वीराज कपूर की पांच मंजिला इमारत की सबसे उपरी मंजिल कई साल पहले ढह गई, लेकिन उसके 60 कमरे अब भी टिके हैं। यह पेशावर की सबसे उंची इमारत है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 8, 2012, 19:04