Last Updated: Saturday, September 21, 2013, 12:40
ज़ी मीडिया ब्यूरोनई दिल्ली: फटा पोस्टर, निकला हीरो के फिल्म के निर्देशक राजकुमार संतोषी को आज भी दामिनी, घायल, घातक और द लेजेंड ऑफ भगत सिंह जैसी फिल्मों के लिए याद रखा जाता है। लेकिन इस फिल्म को वह पहले की फिल्मों की तरह नहीं बना पाए हैं लेकिन फिर भी उनकी कोशिश की सराहना की जानी चाहिए। शाहिद कपूर का करियर डगमगा रहा है क्योंकि उनकी ज्यादातर फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट रही है। ऐसे में इतने बड़े निर्माता का शाहिद के नाम पर जुआ खेलना भी बड़ी बात है।
फिल्म की कहानी कुछ इस प्रकार है। एक मां है जो अपने बेटे विश्वास राव यानी शाहिद कपूर को पुलिस अफसर बनाना चाहती है। लेकिन बेटे के कुछ और ही ख्वाब हैं। वह अभिनेता बनना चाहता है। वह अपनी मां से झूठ बोलता है और कहता है कि वह पुलिसवाला है। इस बीच उसे एक लड़की (इलियाना डीक्रूज) से उसे प्रेम हो जाता है जो हर अन्याय के खिलाफ शिकायत करती फिरती है। बेटा मुंबई में अपनी किस्मत आजमाने चला आता है। फिल्म की कहानी में ट्विस्ट आता चला जाता है और...।
विलेन के साथ फाइट, आइटम गर्ल के साथ डांस, हीरोइन से रोमांस, कॉमेडी, इमोशन, गुंडों की धुलाई यानी शाहिद ने इस फिल्म में कई चीजें की है। हालांकि देखा जाए तो यह एक कॉमेडी मूवी कही जा सकती है लेकिन कई चीजों के जोड़े जाने और ऊटपटांग घटनाओं के चलते यह घालमेल फिल्म बनकर रह गई है। जो दर्शकों का मजा किरकिरा करता है। लेकिन फिल्म के कुछ अश बड़े मजेदार है जो आपको खूब हंसाते हैं।
फिल्म में जरूरत से ज्यादा गाने और आगे-पीछे की दृश्यों से उनकी संगति भी नहीं बैठती। एक गाना खत्म हुआ, कुछ सीन हुए और फिर एक गाना आ गया। यह दर्शकों को खटक सकता है। फिल्म कई जगहों पर हंसाती है और कहीं-कहीं बोर भी करती है।
फिल्म में सलमान खान ने भी एक छोटी-सी भूमिका निभाई है। शाहिद का अभिनय शानदार हैं। शाहिद का बिंदास अंदाज अच्छा लगता है। उन्होंने फिल्म के कॉमेडी और ऐक्शन दोनों ही सींस में खुद को बेहतर साबित करने की कोशिस की है। फिल्म मनोरंजक जरूर कही जा सकती है जिसे पूरे परिवार के साथ देखा जा सकता है लेकिन फिल्म में ब्लॉकबस्टर होने के गुणों का अभाव दिखता है।
First Published: Friday, September 20, 2013, 15:45