Last Updated: Monday, February 4, 2013, 07:56
ज़ी न्यूज ब्यूरोनई दिल्ली: विवादों से भरी कमल हासन की फिल्म `विश्वरूपम` शुक्रवार को रिलीज हो गई। विश्वरूपम यानी विश्व के कई रुप या फिर अलग-अलग रुप। कमल हासन इस फिल्म में आर्मी ऑफिसर हैं या एक जासूस हैं या एक कमांडो हैं यह पता नहीं चल पाता है। कमल हासन अपनी फिल्मों में निरंतर भेष और रूप बदलने के लिए जाने जाते हैं।
इस मायने में कमल हासन एक बहुरूपिया कलाकार हैं जो हर रुप धारण करने और किरदार को निभाने में माहिर है। हर नई फिल्म में वे अपने सामने नए लुक और कैरेक्टर की चुनौती रखते हैं और अपने किरदार को गढ़ने के लिए तमाम कोशिश करते हैं। अभिनेता के तौर पर कमल हासन हमेशा से सर्वश्रेष्ठ रहे हैं इसमें कोई दो राय नहीं है।
कमल हासन मंझे हुए कलाकार है जिन्हें जो दो अहम गुर, यानी फिल्म बनाना और उसमें काम कैसे करना इसमें माहिर हैं। यह कला उन्हें बखूबी आती है और यह उन्होंने इस फिल्म में भी साबित कर दिखाया है। अभिनय में जहां कमल हासन अपने साथी कलाकारों पर भारी पडे हैं लेकिन उन्होंने दूसरे कलाकारों से भी बेहतरीन काम करवाया है।
विश्वरूप` कुछ जगहों पर इस्लाम की कट्टर धारणाओं पर बहुत मामूली चोट करती है लेकिन जिस तरह से इस फिल्म के प्रदर्शन को लेकर हंगामा बरपा उससे यह लगता है कि हंगामा बेवजह हो रहा है क्योंकि फिल्म में ऐसा कुछ है नहीं जिससे विश्वरूपम को विवादरूपम में तब्दील किया जा रहा था। ऐसी कोई भी आपत्तिजनक चीज नजर नहीं आई जिसपर इतना बवाल मच रहा है।
फिल्म विश्वरूपम की कहानी मूल रूप से एक रॉ अधिकारी पर आधारित है जो एक मिशन पर है जिसके चलते उसे अलग-अलग रूपों को धारण करना पडता है। वैसे भी कमल हासन अपनी फिल्मों में इस तरह के प्रयोग करते रहते हैं। उनकी पिछली फिल्म दशावतार में भी उन्होंने दस किरदारों को अकेले ही निभाया था। फिल्म का कथानक आतंकवाद की पृष्ठभूमि पर है। केन्द्र बिन्दु का आधार अमेरिका और अफगानिस्तान हैं।
फिल्म का नायक विश्वनाथ उर्फ विज अमेरिका में कथक डांस सिखाता है लेकिन उसकी पत्नी उसके इस पेशे से नफरत करती है क्योंकि विज उसे समय नहीं दे पाता है। इसी वजह से वह अपने बॉस से अनैतिक सम्बन्धों को कायम कर लेती है फिर अपने अपने पति की कमियों को ढूंढकर उससे छुटकारा पाने की कोशिश करती है। इसके लिए वह एक जासूस की सेवाएं लेती है ताकि विज की हरकतों पर नजर रखी जा सके। यही फिल्म की कहानी का टर्निंग प्वाइंट है। फिल्म अपने मूल कथानक आतंकवाद पर आती है।
इस फिल्म में ठहराव काफी है, जिससे आप कहानी से जुड़े रहते हैं। एक्शन की बात करें तो वह शानदार है,बेमिसाल है। बैकग्राउंड म्यूजिक बेहतरीन है। फिल्म में शंकर-एहसान-लॉय का संगीत भी फिल्म के हिसाब से अच्छा है।
फिल्म में विश्वनाथ, यानि कमल हासन और उनकी पत्नी डॉ. निरूपमा (पूजा कुमार) के बीच खूबसूरत पल फिल्माए गए हैं, जो दर्शकों को गुदगुदाते हैं। सभी किरदारों का अभिनय अच्छा है लेकिन राहुल बोस और कमल हासन का अभिनय की तो बात ही अलग है। फिल्म के संवाद काफी दमदार है। कई संवाद सुनकर आपको सोचने पर विवश हो जाएंगे। एक लाइन में कई बातों को कहने की संवाद अदायगी फिल्म में जान डालती नजर आती है।
कुल मिलाकर यह फिल्म देखी जा सकती है। फिल्म में रफ्तार है लेकिन कुछ जगहों पर ठहराव भी आपको ज्यादा नहीं खटकेगा। फिल्म की स्क्रिप्ट दमदार है।
First Published: Friday, February 1, 2013, 19:12