Last Updated: Friday, March 30, 2012, 11:29
ज़ी न्यूज ब्यूरोनई दिल्ली: भट्ट कैंप द्वारा निर्मित फिल्म ब्लड मनी अपने नाम के अनुसार छाप छोड़ने में नाकाम दिखती है। कुणाल खेमु और अमृता पुरी इस के मुख्य किरदार में हैं। अगर नाम में ही कुछ रखा है तो ब्लडमनी और ब्लड डायमंड (लियोनार्ड डी कैपरियो फेम) में काफी अंतर है।
कहानी कुणाल खेमू, जिनका फिल्म में भी नाम कुणाल ही है, के बचपन से शुरु होती है। कुणाल एक अनाथ बच्चा है। किसी तरह वो पढ़-लिखकर एक होनहार छात्र बनता है। पार्ट टाइम जॉब कर उसने अपने कॉलेज की फीस भरी और एमबीए किया। अब बड़ा होने के साथ-साथ उसकी चाहत भी बड़ी हो जाती है। विदेश जाकर खूब पैसे कमाने की उसकी तमन्ना है।
हीरे और इसके व्यवसाय से जुड़े दक्षिण अफ्रीका स्थित ट्रिनीटी डायमंड्स कंपनी में उसे नौकरी मिल जाती है। अच्छी सैलेरी, चमचमाती कार, शानदार बंगला और केपटाउन में काम करने का मौका। कुणाल की तो जैसे लॉटरी लग जाती है और मनमुताबिक मंजिल मिल गई हो।
इसके बाद वह पैसे के साथ ही अपनी महबूबा को भी उसके साथ वहां जाने में को कहता है पर वो हिचकती है। कुणाल उसे मना लेता है। दोनों शादी कर केपटाउन के लिए रवाना हो जाते हैं।
धन और आलीशान व रंगीन लाइफस्टाइल के चक्रव्यूह में कुणाल धीरे-धीरे फंसता जाता है।कुणाल यह बात अपनी पत्नी को बताता है। वह उसे भारत वापस चलने के लिए कहती है, लेकिन कुणाल को पता है कि यहां से निकल पाना बेहद मुश्किल है। कुणाल कंपनी के साथ ही काम करने का फैसला करता है ताकि वह उन लोगों के खिलाफ सबूत इकट्ठा कर सके। क्या कुणाल इसमें कामयाब हो पाता है? फिल्म की कहानी इसी पर आधारित है।
भट्ट कैंप की हर फिल्म की तरह इस फिल्म में गीत भी मनमोहक नहीं है। इंटरवल के बादफिल्म की कहानी कुछ हद तक 'जन्नत' जैसी हो जाती है। कुणाल की पत्नी आरजू(अमृता) अपने पति को मिस करने लगती है। कुणाल काम की वजह से उन्हें वक्त ही नहीं दे पाते। जन्नत में भी कुछ ऐसा दिखाया गया था। इसके अलावा फिल्म का अंत भी बहुत ही उलझा देने वाला है। ऑफिस और उस गैंग में बंद घायल कुणाल वहां से महत्वपूर्ण कागजात लेकर कैसे निकलने में सफल हो जाता है वो समझ से परे है।
अगर आप कुणाल के प्रशंसक हैं और एक तरह की कहनी बार-बार देखना पसंद करते हैं तो ब्लडमनी देख सकते हैं। अन्या इस फिल्म में कुछ भी नयापन नहीं है। अदा और कला दोनों में फिल्म छाप नहीं छोड़ पाती।
First Published: Friday, March 30, 2012, 17:11