Last Updated: Thursday, September 15, 2011, 11:31
नई दिल्ली. 'देव डी', 'गुलाल' और 'दैट गर्ल इन येलो बूट्स' के लिए काम कर चुकी युवा डिजाइनर शुभ्रा गुप्ता का मानना है कि इन दिनों सितारे पर्दे पर खूबसूरत दिखने के लिए हीं नहीं, बल्कि आम लोगों से जुड़ने के लिए अलग तरह के परिधानों का चयन करते हैं. एक युवा और उभरती हुई डिजाइनर को तौर पर उनके काम को काफी सराहना भी मिली है.
शुभ्रा ने कहा, ''मेरा विश्वास है कि बॉलीवुड में फैशन बदल रहा है. पहले की फिल्मों में कलाकारों को पर्दे पर खूबसूरत दिखाने के लिए उनके लिए अच्छी से अच्छी और फैशनेबल पोशाकों का चयन किया जाता था और किरदार की जरूरत पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जाता था.''
उनका साफ कहना है कि फिल्म में बदलाव के साथ कलाकारों के दर्शकों से जुड़ने की ज्यादा जरूरत है न कि उन्हें अपना ग्लैमरस पहलू दिखाने की. उन्हें लगता है कि अब यथार्थवादी दृष्टिकोण अपनाया जाता है, जहां एक आम आदमी किरदार को महसूस करता है.
शुभ्रा ने 'प्यार का पंचनामा' से लेकर रामगोपाल वर्मा की 'रक्तचरित्र' और अभिषेक पाठक की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता लघु फिल्म 'बूंद' से लेकर राहुल ढोलकिया की 'सोसायटी' तक के लिए ड्रेस डिजायनिंग की है. 'आमिर' में ड्रेस डिजायनिंग के लिए शुभ्रा फिल्मफेयर पुरस्कारों में नामांकित हुई थीं.
शुभ्रा मानती हैं कि फिल्मों में परिधान डिजाइन करने वाले डिजाइनर्स को पहले के मुकाबले अब ज्यादा पहचान मिलती है.
First Published: Thursday, September 15, 2011, 17:01