Last Updated: Tuesday, September 27, 2011, 11:26
नई दिल्ली : लोकप्रिय धारावाहिक 'महाभारत' के शुरू होते ही एक बुलंद आवाज गूंजती थी
महाभारत...! और यह आवाज किसे याद नहीं . यह आवाज थी मशहूर गायक महेंद्र कपूर की. संगीत प्रेमियों के दिलों में वो आज भी बसते हैं और अपने देशभक्ति गीतों के लिए लोगों में खास जगह रखते है.
बी. आर. चोपड़ा की फिल्मों से लेकर अन्य निर्देशकों के लिए गीत गा चुके महेंद्र कपूर को हमराज, ग़ुमराह, धूल का फूल, वक्त, धुंध जैसी फिल्मों में गाए गीत के लिए याद किया जाता है. देशभक्ति गीतों का नाम लेते ही मनोज कुमार की फिल्म 'उपकार', 'पूरब और पश्चिम', 'रोटी, कपड़ा और मकान', 'क्रांति' में महेंद्र कुमार की आवाज याद आती है.
महेंद्र कपूर का जन्म पंजाब के अमृतसर में 9 जनवरी 1934 को हुआ था. किशोरावस्था में वो मोहम्मद रफी के दीवाने थे. गायन में करियर बनाने के लिए उन्होंने जल्द ही अमृतसर से मुंबई का रूख कर लिया. करियर की शुरूआत में ही उन्होंने 1950 के दशक में अखिल भारतीय युवा महोत्सव में गायन स्पर्धा में जीत हासिल की.
मुंबई में महेंद्र कपूर को पहला ब्रेक राजा नवाथे ने 1958 में अपनी फिल्म 'सोहनी महिवाल' के लिए दिया. संघर्ष के दौर में ही संगीतकार सी रामचंद्र ने महेंद्र कपूर से 1959 में वी शांताराम की नवरंग के लिए 'आधा है चंद्रमा, रात आधी..' गवाया और यह गीत आज भी संगीत प्रेमियों का पसंदीदा गीत है.

हिन्दी फिल्मों के अलावा उन्होंने पंजाबी, भोजपुरी और मराठी फिल्मों के लिए कुल 25 हचार से भी अधिक गीत गाए. सन् 1956 से लेकर 1999 तक वो संगीत के क्षेत्र में सक्रिय रहे.
भारत सरकार ने संगीत में योगदान के लिए उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से और महाराष्ट्र सरकार ने पार्श्व गायन को उल्लेखनीय योगदान देने के लिए उन्हें लता मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया था. तीन साल पहले 27 सितंबर 2008 को महेंद्र कपूर इस दुनिया से सदा के लिए विदा हो गए.
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 27, 2011, 17:13