Last Updated: Friday, June 29, 2012, 21:10

जी न्यूज ब्यूरो
मुम्बई : तकनीक का इस्तेमाल करते हुए किसी भी फिल्म के मूल तत्व को बचाए रखना एक चुनौती होती है लेकिन द अमेजिंग स्पाइडर मैन के निर्देशक ने फिल्म के मूल कथानक और तकनीक के बीच संतुलन बनाए रखा है।
फिल्म के थ्री डी इफेक्ट्स बेहतरीन हैं। कुछ दृश्यों में लगता है कि स्पाइडरमैन का हाथ आपके चेहरे को छूकर निकल जाएगा। कैमरामैन जॉन स्वार्ट्जमैन द्वारा रेड एपिक कैमरे से शूट की गई यह हॉलीवुड की पहली फिल्म है। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर भी स्पाइडरमैन के कारनामों के अनुरूप उतार-चढ़ाव वाला है।
द अमेजिंग स्पाइडर मैन का नायक पीटर पार्कर (एंड्रयू गारफील्ड) का बचपन कई सवालों के बीच उलझा हुआ है। उसके पिता रिचर्ड पार्कर और मां मैरी पार्कर एक रहस्य की तरह उसके जीवन से गायब हो जाते हैं। जाते वक्त वो पीटर को उसके चाचा बेन पार्कर (मार्टिन शीन) को सौंप जाते हैं। पीटर बचपन से ही प्रयोगशाला और परखनलियों के बीच रहता है तो विज्ञान में उसकी दिलचस्पी होनी स्वाभाविक है।
हाई स्कूल में उसकी प्रेमिका एमा स्टोन (ग्वेन स्टेसी) को छोड़कर पूरे स्कूल के लिए वह शांत-शांत और अपनी दुनिया में रहने वाले बच्चा है। प्रोफेसर कर्ट कॉर्नर्स के लैब में एक दिन स्कूल के समूह के साथ गए पीटर की कुछ जिज्ञासाएं कैसी उसकी जिंदगी बदलती हैं, यही कहानी है द अमेजिंग स्पाइडरमैन की।
एक बड़ी प्रयोगशाला के सर्वेसर्वा बने डॉ. रजीत राठा (इरफान खान) का स्क्रीन पर आना सुखद लगता है। हालांकि, इरफान का किरदार निगेटिव शेड्स लिए हुए है लेकिन उनकी संवाद अदायगी और बॉडी लैंग्वेज इस किरदार को भी संतुलित बना देती है।
First Published: Friday, June 29, 2012, 21:10